FARRUKHABAD : मोहब्बत में गंगा तट पर कल्पवास की झोपड़ी हो या सर्कस की सीड़ी या मेले की भीड़ प्यार की पैंगें बढ़ते देर नहीं लगती और जब दो दिलों के बीच प्यार हो ही जाये तो समाज उनका पीछा नहीं छोड़ता। यह किसी फिल्म में दर्शायी गयी कहानी नहीं वल्कि रामनगरिया गंगा तट पर कल्पवास करने वाले दो दिलों की प्यार भरी कहानी की एक कड़ी मात्र है।
यह बात पिछले साल की है। रामनगरिया मेले में विगत वर्ष कल्पवास करने के लिए आयी हरदोई जनपद के कुरिया थाना काठ निवासी सोनाली की आंख पड़ोस में ही कल्पवास के लिए झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रह रहे युवक मनोज पुत्र मुन्शीलाल जोशी निवासी ज्यूरी थाना हरपालपुर से लड़ गयीं। एक माह तक चले कल्पवास में प्यार की पैंगें बढ़ती चलीं गयी और दोनो की नजदीकी कुछ इस तरह बढ़ी कि मेला खत्म होने के बाद भी एक दूसरे से मिलना जुलना जारी रहा।
[bannergarden id=”8″]
सोनाली व मनोज अब दोनो अपने अपने घरों को चले गये लेकिन एक दूसरे से मोबाइल फोन से बात करनी शुरू कर दी। मोबाइल फोन से बात बढ़ती चली गयी। एक वर्ष बाद इस बार दोबारा लगे रामनगरिया मेले में दोनो ने मिलने का वादा कर दिया। दोनो प्रेमी-प्रेमिका बीते चार दिन पूर्व मेला रामनगरिया में आ गये। सोनाली अपने परिजनों से कहकर मेला में आ गयी। सोनाली व मनोज का प्यार परवान चढने लगा और गंगा के पावन तट पर दोनों ने साथ साथ जीने मरने की कसमें खा लीं। वहीं से सोनाली अपने प्रेमी मनोज के साथ चली गयी।
उधर सोनाली के परिजनों को चिंता हुई तो उन्होंने सोनाली की खोजवीन शुरू की लेकिन सोनाली का कहीं अता पता नहीं लगा। जिसके बाद उसके परिजनों ने थाना काठ में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी व मनोज पुत्र मुन्शीलाल जोशी पर शक जतायी। शक के आधार पर पुलिस ने मनोज के घर धावा बोल दिया। लेकिन मनोज के घर सोनाली नहीं मिली। खोजवीन करते करते पता चला कि मनोज अपने जीजा के घर सोनाली के साथ रह रहा है। जिस पर घटियाघाट पुलिस से सम्पर्क किया गया। घटियाघाट चौकी पुलिस की मदद से मनोज के जीजा रामू जोशी के घर छापा मारा गया। जहां पर सोनाली व मनोज को बरामद कर लिया गया। दोनो प्रेमी प्रेमिका को पुलिस चौकी ले आयी। जहां से सोनाली के परिजनों को सूचना दी गयी है।