नई दिल्ली.गत 15 फरवरी को एयर होस्टेस गीतिका शर्मा (मृत) की मां अनुराधा शर्मा ने भी अपनी बेटी की ही तरह आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी। उनके सुसाइड नोट से पता चला कि अपनी बेटी की मौत के बाद से ही वह लगातार तनाव में थी जिसके चलते उन्होंने ऐसा कदम उठाया।
आत्महत्या की इस दहला देने वाली घटना के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि यह घटना हमारी व्यवस्था की संवेदनहीनता का संकेत हैं जहां पीड़ित/पीड़िता के परिवार की देखभाल या उनके काउन्सलिंग की किसी व्यवस्था का अभाव है।
फिलहाल परीक्षाओं का मौसम चल रहा है। फरवरी का अंत होते-होते पूरे देश में एग्जाम फीवर बढ़ने लगता है। परीक्षा का मौसम स्टूडेंट्स के लिए बेहद तनाव का समय होता है।पढ़ाई के साथ इस तनाव से निपटना स्टूडेंट्स के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। हालांकि, हमारे देश में इस तरह के तनाव से निपटने की किसी संस्थागत व्यवस्था का आज भी अभाव है।
अक्सर इस तनाव के चलते स्टूडेंट्स कई गंभीर और गैरकानूनी कदम उठा लेते हैं। इस कड़ी में हम आपको देश के कुछ प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थाओं में स्टूडेंट्स द्वारा उठाए गए कुछ ऐसे ही गंभीर क़दमों की जानकारी देंगे। हालांकि इसका सीधा संबंध भले ही परीक्षा प्रणाली से नहीं है लेकिन, यह खबर छात्रों द्वारा किसी गलत काम करने या उससे उबरने में हमारे संस्थाओं की कमी की ओर इशारा जरुर करती है।
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि जब देश के सर्वोच्च संस्था के छात्र ऐसी समस्यायों से जूझ रहे हैं तो बाकी संस्थाओं का क्या हल होगा। पहली कड़ी में जानिए, दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में हुई एक ऐसी ही घटना का फ्लैशबैक …
[bannergarden id=”8″]
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने एक छात्र और दो छात्राओं को अश्लील वीडियो तैयार करने के आरोप में एक निश्चित अवधि के लिए निष्कासित कर दिया। कथित तौर पर यह अश्लील वीडियो नर्मदा हॉस्टल के एक कमरे में तैयार किया गया था।
विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी जानकारी 4 मई, 2012 को मिली, जब हॉस्टल वॉर्डन ने इस मामले में एक पत्र विश्वविद्यालय डीन छात्र कल्याण को भेजा। कथित तौर पर यह अश्लील वीडियो एमफिल के एक छात्र द्वारा नर्मदा हॉस्टल स्थित कमरे में तैयार किया गया।
वीडियो छात्र व उसकी प्रेमिका जो खुद एमफिल की छात्रा थी, के बीच शारीरिक संबंधों से जुड़ा था। इसे उसी कमरे में मौजूद उनकी एक अन्य साथी पीएचडी की छात्रा की मदद से मोबाइल कैमरे से बनाया गया।
हालांकि, मोबाइल गुम हो जाने से यह अश्लील वीडियो कॉलेज प्रशासन के हाथ न लग सका, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष दोषी छात्र-छात्रा ने लिखित तौर पर अश्लील वीडियो की बात स्वीकार की थी। इसकी प्रति भास्कर के पास मौजूद हैं।
चीफ प्रोक्टर प्रो. एचबी बोहिदार ने फौरन मामले की जांच कर छात्र को तीन साल और दोनों दोषी छात्राओं को एक-एक साल के लिए विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया।
कानूनी कार्रवाई से बच रहा प्रशासन :
तीन छात्रों पर कार्रवाई की बात स्वीकार करने वाले चीफ प्रोक्टर लगातार न सिर्फ मामले का ब्योरा देने से बचते रहे, बल्कि आपराधिक मामला होने के बावजूद यह बताने को तैयार नहीं थे कि मामला दिल्ली पुलिस को जांच के लिए सौंपा गया है या नहीं।
अपनी तरह का पहला मामला :
विश्वविद्यालय में फरवरी 2011 में भी पेरियार हॉस्टल के एक कमरे में अश्लील वीडियो से जुड़ा एक मामला उजागर हुआ था। इस मामले में छात्रा के प्रेमी ने ही उच्च तकनीक के जरिये वीडियो तैयार किया था।
हालांकि यह मामला उससे अलग है। सूत्रों के अनुसार नर्मदा हॉस्टल में तैयार अश्लील वीडियो को छात्र व प्रेमी छात्रा की एक साथी छात्रा की मदद से तैयार किया गया। यानी दूसरी छात्रा भी उस दौरान कमरे में मौजूद थी।