फर्रुखाबाद: आनंद हत्याकाण्ड के खुलासे के नाम पर पुलिस घटना के दो सप्ताह गुजर जाने के बाद भी फिलहाल किसी नतीजे पर पहुंचती नजर नहीं आ रही है। मजे की बात तो यह है कि घटना के लगभग दो सप्ताह बाद अब चश्मदीद नाबालिग स्कूली छात्र की याददाश्त के आाधार पर अपराधियों का स्केच तैयार करने जा रही है।
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पुलिस पर सवालिया निशान उठना लाजमी है। घटना के समय जो स्कूली छात्र मुकेश प्रधानाध्यापक आनंद प्रकाश के साथ बाइक पर बैठ कर राशन लेने जा रहा था उसकी आंखों के सामने ही हत्यारों ने तड़ातड़ गोलियां चलाकर आनंद प्रकाश की हत्या कर दी थी। डरे सहमे छात्र ने अधखुली आंखों से हत्यारों को देखा होगा यह बात पुलिस के जेहन में भी कहीं न कहीं पर थी। तो फिर हत्या के 15 दिन बाद स्कैच बनवाने का क्या मतलब। जब छात्र के दिमाग से हत्यारों की छवि धूमिल सी होने लगी। घटना के दूसरे दिन ही अगर छात्र की याददाश्त के हिसाब से स्केच बनवाये होते तो यह भरोसा किया जा सकता था कि स्केच ठीकठाक बनेंगे। लेकिन घटना के कई दिन बाद पुलिस अब पुनः आसमान से कूदकर खजूर पर लटकने जैसा काम कर रही है। जिसके तहत पुलिस ने छात्र मुकेश व एक अन्य ग्रामीण महिला जोकि घटना की चश्मदीद है की याददास्त पर हत्यारों के स्केच जारी करने की तैयारी की है। जिसके आधार पर पुलिस हत्यारों तक पहुंचने का प्रयास करेगी। लेकिन अभी तक पुलिस सिर्फ हवाई सांत्वनायें ही दे रही है।