फर्रुखाबाद: महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर व पुरुषों में ओरल कैंसर के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। पुरुषों में गुटखा और पान मसाला ओरल कैंसर की बढ़ी बजह है, जबकि ज्यादा उम्र में विवाह करने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बनी रहती है।
साइंटिफिक कन्वेंशन सेन्टर में आयोजित सेमिनार में सर्जिकल आंकोलाजी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो0 अरुण चतुर्वेदी ने ब्रेस्ट कैंसर मैनेजमेंट पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पश्चिमी जीवनशैली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर बढ़ा रही है। नौकरी करने वाली महिलायें 30 वर्ष के बाद विवाह करतीं हैं। मां बनने के बाद नवजात शिशु को स्तनपान कराने से भी परहेज करती हैं। ऐसा करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की आशंका ज्यादा होती है।
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दूसरे सत्र में इण्डियन रेलवे कैंसर इंस्टीट्यूट के चीफ स्पेशलिस्ट सर्जिकल आंकोलाजी के प्रो0 लालतेंदु सारंगी ने ओरल कैंसर पर बताया कि भारत में गुटखा और पान मसाले का चलन बढ़ने के साथ मुहं का कैंसर भी बढ़ रहा है। उन्होंने दंत चिकित्सकों के विशेष प्रशिक्षण की बात कही। थोरोसिक सर्जन डा0 अली जमीर खान ने रोबोटिक सर्जरी से होने वाले लाभों पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि इस विधि में केवल एक छोटा छेद कर सर्जरी की जा सकती है। सीने के आपरेशन में यह तकनीक काफी उपयोगी है। हालांकि रोबोटिक सर्जरी का खर्च एक चुनौती है।