LUCKNOW: अफजल की फांसी को लेकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के बीच नाराजगी की खबर के बीच वित्त मंत्री बजट बनवा रहे हैं| और देश के दो बड़े अरबपति कारोबारियों पर बड़ी मुसीबत आने वाली है। इस बीच केंद्र सरकार ने भाजपा के हाथों में एक बड़ा मुद्दा थमा दिया है। पार्टी ने एक सरकारी किताब के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
आयरन की कमी के लिए गाय का मीट खाना चाहिए, ये कथन छापने वाली केंद्र सरकार के अल्प संख्य क कल्यानण मंत्रालय की किताब ‘पोषण’ विवादों में घिर गई है। भारतीय जनता पार्टी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने वोट बैंक तुष्टीसकरण के लिए आयरन की कमी पूरी करने के नाम पर गोमांस खाने का प्रचलन बढ़ा कर घोर पाप किया है। पार्टी इस मुद्दे को संसद में भी उठाएगी। मेरठ में बुधवार को भाजपाइयों ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ही गोमांस के बारे में ऐसा लिखा गया है।
भारतीय जनता पार्टी के उत्ततर प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेई ने केन्द्र सरकार पर गोमांस खाने को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंडने भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा निर्देशित/संचालित राष्ट्रीय जनसहयोग एवं बाल विकास संस्थान (निपसिड) द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘पोषण’ में शरीर की आवश्यकताओं के लिए लोहे की कमी को पूरा करने के लिए गाय का मीट सूचीबद्ध करने पर घोर आपत्ति की है।
उनका कहना है कि वोट बैंक तुष्टीकरण के लिए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने गोमांस को शरीर में लोहे की कमी को पूरा करने वाला बताया है। सरकार ने इस प्रकाशन के माध्यम से गोमांस खाने का प्रचलन बढ़ाने का पाप किया है। यह संविधान और संस्कृति दोनों का ही उल्लंघन है। डॉ बाजपेई ने कहा कि संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में गाय और गोवंश संरक्षण के लिए राष्ट्र राज्य को स्पष्ट निर्देश है लेकिन केन्द्र सरकार संविधान के नीति निर्देशक तत्वों को भी नही मानती। भारत का बहुसंख्यक समाज गाय को आदर देता है। गोहत्या हिन्दुओं भावनाओं को आहत करती है।