केश मुड़वाकर 200 महिलाएं बनीं नागा संन्यासी, स्वयं का पिंड दान किया

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Female Nagaसंगम तट पर महिला नागा संन्यासियों की अलग ही दुनिया बसी हुई है। बुधवार को करीब 200 महिलाएं अपना श्राद्ध और पिंड दान करके नागा संन्यासी बन गईं। सभी ने दीक्षा ग्रहण करते हुए नागा साधु बनने की प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण चरण पार कर लिया। सभी संगम किनारे अपना केश मुड़वाकर स्वयं का पिंड दान कर दिया।

तीर्थराज प्रयाग में पवित्र संगम की रेती पर चल रहे कुंभ मेले में नई महिला नागा संन्यासी बनाने की प्रक्रिया का एक चरण पूरा हुआ। महिला नागा संन्यासियों ने हवन पूजन करके अपनी 21 पीढ़ियों का पिण्डदान किया। निर्धारित अनुष्ठानों को सम्पन्न करने के बाद सभी अभ्यर्थी अखाड़े की छावनी में शाम तक पहुंचेंगी। [bannergarden id=”8″]

वहां अखाड़े के धर्म ध्वजा के नीचे निर्धारित अनुष्ठान करने के बाद रात तक ओम नमः शिवाय का जाप करेंगी। तड़के चार बजे अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज सभी को संन्यास की दीक्षा देंगे।