कारगिल शहीद के मासूमों ने दी पिता को श्रद्धांजलि

Uncategorized

miletry singhmiletry singh1फर्रुखाबाद: देश भले ही कारगिल युद्ध के बाद उसमें शहीद हुए हजारों सैनिकों के बलिदान को धूमिल कर चुका हो, लेकिन उनका बलिदान भुलाने योग्य नहीं है। कारगिल युद्ध में शहीद हुए डाग यूनिट के हवलदार मलेट्री सिंह कठेरिया को उनके मासूमों ने नम आंखों से याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
[bannergarden id=”8″]
25 दिसम्बर 1984 में मेरठ से राजपूत रेजीमेंट के आर बी सी में भर्ती हुए मलेट्री सिंह कारगिल युद्ध के समय श्रीनगर के टोडा बार्डर पर 14 डाग यूनिट में हवलदार के पद पर देश की सेवा में थे। मलेट्री सिंह यूनिट में कुत्तों को प्रशिक्षित करने का काम करते थे। तभी कारगिल युद्ध छिड़ गया। जिसमें 13 फरवरी 1999 को दुश्मन की गोली इस जाबाज सिपाही के सीने में आ धंसी। जहां से घायल मलेट्री सिंह को ऊधनपुर लाया गया। जहां कुछ समय बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। हवलदार के शहीद होने के समय उनके सबसे बड़ा पुत्र सुनील 7 वर्ष का, पांच वर्ष की पुत्री प्रीती व डेढ़ वर्षीय सुधीर के अलावा अन्य दो पुत्र व एक पुत्री थी। 14 वर्ष के लम्बे इंतजार के बाद शहीद की पत्नी गीता देवी ने अपने सबसे बड़े पुत्र सुनील को भी देश सेवा में लगा दिया। वर्तमान में गीतादेवी सेन्ट्रल जेल चौराहे पर अपने बच्चों के साथ रह रहीं हैं। गीता देवी ने बताया कि उन्हें अपने पति के शहीद होने पर गर्व है और अपने पति की दी गयी शिक्षा आज भी वह अपने बच्चों को देती हैं। जो उनके लिए प्रेरणाश्रोत हैं।