फर्रुखाबाद: गुरुवार को आरटीआई एक्टिविस्ट व शिक्षक आनंद प्रकाश राजपूत की हत्या की गुत्थी पुलिस ने लगभग सुलझा ली है। पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक की तफ्तीश के अनुसार आनंद की हत्या भाड़े पर बुलाये गये सुपारी किलर्स ने की, परन्तु उनके साथ आया तीसरा व्यक्ति स्थानीय था। हत्या की सुपारी देने वालों की पहचान पुलिस लगभग कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार साजिश में बर्खास्तगी की कगार पर खड़े फर्जी शिक्षक साफ नजर आ रहे हैं।
विदित है कि बीते गुरुवार को रामनगर कुड़रिया में तैनात रहे शिक्षक व आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद प्रकाश सिंह की तीन बाइक सवार लोगों ने गोली मारकर उस समय हत्या कर दी थी जब वह अपने विद्यालय से मिड डे मील का राशन लेने जा रहे थे। घटना के सम्बंध में अज्ञात हमलावरों के विरुद्व एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। आनंद राजपूत के आरटीआई एक्टिविस्ट होने के कारण बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ वर्खास्त हो चुके अथवा बर्खास्तगी की कगार पर पहुंच चुके फर्जी शिक्षकों से उनकी रंजिश जगजाहिर थी। मृतक के भाई की ओर से दी गयी तहरीर में इन फर्जी शिक्षकों और कुछ शिक्षक नेताओं सहित लगभग एक दर्जन लोगों पर हत्या की साजिश में शामिल होने का शक जताया गया था।
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शुक्रवार को देर रात प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस की तफ्तीश हत्या की साजिश के बहुत करीब पहुंच गयी है। भरोसेमंद सूत्र के अनुसार हमलावरों में से दो भाड़े के शूटर थे व एक व्यक्ति जो मुहं पर कपड़ा बांधे हुए था वह स्थानीय था, जोकि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति से भली भांति परिचित था। सूत्र के अनुसार एफआईआर में नामजद लोगों की काल डिटेल्स के आधार पर पुलिस हत्या की साजिश में लिप्त कुछ बर्खास्त व कुछ बर्खास्तगी की कगार पर खड़े फर्जी शिक्षकों की पहचान के बहुत करीब पहुंच गयी है। इनमें आनंद राजपूत के विद्यालय में ही कार्यरत सहायक अध्यापिका कांती राठौर भी प्रमुख संदिग्धों की सूची में सम्मलित है।
सूत्रों की मानें तो पुलिस 24 से 48 घंटे के भीतर घटना का खुलासा करने की स्थिति में है। पुलिस का शिकंजा कसते देख आरोपियों और संदेह के घेरे में आये लोगों में हड़कंप की स्थिति है।