लखनऊ| उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लालबत्ती से नवाजे गए पार्टी नेताओं पर ‘सिर मुढाते ही ओले पड़ने” वाली कहावत सटीक बैठ रही है| सरकार अभी सैनी प्रकरण मामले से ठीक तरह से उभर नहीं पाई थी एक और लाल बत्ती विवादों में फंस गई| इस बार उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पद पर आसीन सुदीप सेन की लाल बत्ती मुसीबत में फंस गई है| सूत्र बताते हैं कि प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पद पर आसीन सुदीप सेन ने चंदे में समाजवादी पार्टी को डेढ़ करोड़ रुपये दिए थे|
कोलकाता के “कल्चरल इंस्टीटयूट” चलाने वाले व्यवसाई सुदीप सेन के उप्र राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पद पर मनोनयन पर विपक्ष ने सत्तारूढ़ सपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है| बीते माह अध्यक्ष पद पर मनोनीत हुए सुदीप सेन को लेकर विपक्ष को यह कहने का मौका मिल गया है कि सरकार पैसा लेकर पद बेंच रही है| बड़ी बात तो है कि उप्र राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पद पर उस व्यक्ति को मनोनीत किया गया है जो प्रदेश का है ही नहीं|
सूत्र बताते हैं कि सुदीप सेन ने वर्ष 2012 में हुए विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को चंदे के रूप में डेढ़ करोड़ रुपये दिए थे| सेन न यह रकम तीन किस्तों में चुकाई थी| सेन ही नहीं इनकी पत्नी अदिति ने भी वर्ष 2011 में समाजवादी पार्टी को चंदे के तौर पर छह लाख रुपये दिए थे| सुदीप सेन के मनोनयन से विपक्ष भी हमलावर हो गया है और सरकार पर जमकर निशाना साधने लगा है | कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने कहा है कि प्रदेश सरकार लाल बत्ती का सौदा कर रही है भ्रष्टाचार के खिलाफ उसका वादा तो सिर्फ दिखावा है| वहीं भाजपा नेता ह्रदय नारायण दीक्षित ने कहा है कि सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है| इस मामले को लेकर सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि सरकार की छवि खराब करने के लिए विपक्ष इस तरह के मुद्दे उछाल रही है।
गौरतलब है कि लाल बत्ती को लेकर अभी हाल ही में सपा नेता पंडित सिंह, नटवर गोयल, साहब सिंह सैनी और अब केसी पांडेय को लालबत्ती क्या मिली मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। गोंडा जिले के विधायक विनोद कुमार सिंह उर्फ़ पंडित सिंह को राज्य मंत्री बनाया गया था, लेकिन संविदा के आधार पर भर्ती में स्थानीय सीएमओ से उनकी भिड़ंत हो गई। सीएमओ के साथ मारपीट और कथित तौर पर अपहरण के मामले में वह ऐसा उलझे कि सरकार की साख बचाने के लिए मुख्यमंत्री को उनसे इस्तीफा लेना पड़ गया।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का उपाध्यक्ष बना नटवर गोयल को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया, लेकिन लाल बत्ती पाते ही अफसरों पर दबाव बनाने के साथ ही बिजली चोरी के विवाद में उनका नाम सुर्खियों में आ गया। एक दिन जनाब मीडियाकर्मी से ऐसे उलझे कि लालबत्ती तो गई ही, जेल भी जाना पड़ गया।
इसी तरह सपा नेता साहब सिंह सैनी चार जनवरी को बीज प्रमाणीकरण निगम का अध्यक्ष बने। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला। प्रोटोकाल समझते और लालबत्ती लगाकर चलते दस दिन भी नहीं गुजरे कि साहब ने 14 जनवरी को बैठक बुलाई और अफसरों से उलझ गए। इसी बीच सालों से नेपथ्य में रह रहीं उनकी पहली पत्नी अवतरित हो गईं और देहरादून में उनके खिलाफ अदालती कार्रवाई पर उतर आईं। साहब सिंह सैनी पर उत्तराखंड में मुकदमा भी दर्ज हो गया है। और उन्हें हटाने की मांग हो रही है|
सैनी का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के उपाध्यक्ष के तौर पर राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त केसी पांडेय सुर्ख़ियों में आ गए| पशुतस्करों की मदद में गोंडा के पुलिस कप्तान से सिफारिश की। इसी दौरान एसपी ने उनकी पूरी बातचीत रिकार्ड कर ली। लालबत्ती मिलने के दूसरे ही दिन यह रिकार्ड बातचीत मीडिया में आ गई और फिर तो विपक्ष उन पर हमलावर हो गया।
इस मामले में प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था अरुण कुमार ने बताया कि के सी पांडेय का पशु तस्करों के साथ कोई रिश्ता है या नहीं। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी। स्टिंग ऑपरेशन, कॉल डिटेल और दूसरे साक्ष्य भी जांच के घेरे में हैं। तस्करों का पूरा नेटवर्क इसमें काम कर रहा है। इसमें पुलिस और कई अन्य विभागों के अफसरों की संलिप्तता सामने आई है लेकिन किस स्तर के अधिकारी शामिल हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीँ, आरोपों में घिरे राज्यमंत्री के सी पाण्डेय इसे अपने खिलाफ साजिश बता रहे हैं| उन्होंने कहा, “मुझे शुक्रवार को ही गन्ना अनुसंधान परिषद का उपाध्यक्ष बनाया गया है, इससे पहले किसी निजी सचिव को रखने का सवाल ही नहीं उठता। मेरा राजनीतिक जीवन है, मुझसे मिलने के लिए हर तरह के व्यक्ति आते हैं, उनमें डाकू भी हैं और साधु भी। मेरी जिंदगी तो खुली किताब है पर मैं किसी आशुतोष पांडेय को जानता तक नहीं। मेरे घर पर कभी कोई छापा नहीं पड़ा। मैं चाहता हूं कि पूरे मामले और मेरी आवाज की जांच करा ली जाए। उसके बाद जो सजा हो, मुझे मंजूर है।”
फिलहाल, के सी पांडेय का सच सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी भी हरकत में आ गई है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि यह मामला बेहद गंभीर है और इस मामले को खुद मुख्यमंत्री ही देखेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले को सपा के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संज्ञान में लाया गया है। वे तथ्यों की जांच कराएंगे। जांच के निष्कर्षों और तथ्यों की जानकारी मिलने और सच्चाई होने पर आगे का निर्णय होगा।
इतना ही नहीं बात करते है आगरा के जिला पंचायत अध्यक्ष गणेश यादव की| एड़ी चोटी लगाकर गणेश यादव को लाल बत्ती मिली और लाल बत्ती में बैठ भी नहीं पाए थे कि उनके बेटे कौशल को पुलिस दुराचार के आरोप में पकड़ ले गई|
इसके अलावा हाल ही में कैबिनेट मंत्री का दर्जा पाए समाजवादी पार्टी के नेता राम आसरे कुशवाहा पर जल्द ही गाज गिर सकती है। दरअसल, बीते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मंत्री जी और उनका स्टाफ सर्किट हाउस में शराब पीते और मौज मस्ती करते मिले हैं| इस बात की जानकारी मिलने पर इस पूरे प्रकरण में जांच बैठा दी गई है। संकेत मिले हैं कि मंत्री जी पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है और जल्द ही उनकी लाल बत्ती छीन सकती है|