मौसम खराब होते ही आलू मण्डी में आवक कम, भावों में सुर्खी

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imagesफर्रुखाबाद :  बीते दिन से घने काले बादलों के साथ हुई बारिश ने जहां एक तरफ गेहूं की फसलों में लाभ पहुंचाया है वहीं दूसरी तरफ आलू की तैयार फसल वाले किसान बेहद चिंतित हैं। किसानों को यह चिंता सता रही है कि यदि उनके निचले खेतों में आलू की फसल में पानी भर गया तो फसल खराब हो जायेगी। वहीं बीते दिन से ही आलू की खुदाई न होने से मण्डी में आलू की आवक भी घट गयी है। जिससे भाव जहां बीते दिनों से स्थिर बने हुए थे उनमें भी सुर्खी आ गयी है।

जनपद में सबसे बड़ी आलू मण्डी मानी जाने वाली सातनपुर आलू मण्डी में पिछले कई दिनों से आलू भाव स्थिर बने हुए हैं। किसान इस इंतजार में हैं कि आलू 600 रुपये तक में जल्द ही पहुंच जायेगा। लेकिन अभी तक तो आलू किसानों को भाव छका रहा है। बीते चार पांच दिन से आलू मण्डी में आलू की आवक ठीक ठाक हो जाने से मण्डी जहां साढ़े चार सौ खुलती थी उसमें भी कमी आने लगी थी। लेकिन बीते दिन घने काले बादलों के बीच शुरू हुई बारिश में किसानों ने आलू खोदना बंद कर दिया। जिससे सातनपुर मण्डी में मंगलवार को आलू की आवक कम हुई। आलू कम आने से सातनपुर मण्डी 451 रुपये खुली वहीं बढ़िया सफेद आलू 500 रुपये तक में व्यापारियों ने खरीदा। छट्टा आलू के भाव सामान्य आलू से लगभग सवा सौ रुपये अधिक रहे। छट्टा आलू 575 रुपये प्रति कुन्तल तक बिका।

किसानों का मानना है कि यही वह समय है जिसमें आलू भाव कम हो जाता है, यदि वह थोड़ा रुक कर अपना आलू खोदते हैं तो आलू का भाव कुछ अच्छा मिल जायेगा। यदि मण्डी भाव अच्छा नहीं भी होगा तो खेतों में ही ढेर लगाकर महीने भर रोक सकते हैं। जिससे किसान आलू खोदने में कुछ ठिठुकने लगा है। अब उस तेजी के साथ आलू की खुदाई मण्डी के लिए नहीं कर रहा है जिस तेजी से बीते एक पखवाड़े पहले कर रहा था।

वहीं व्यापारियों का मानना है कि आलू समय जैसे जैसे बीतेगा भाव में बढ़ोत्तरी होती जायेगी। जिससे कई भंसारियों ने भी अभी से ही आलू खरीदने का मन बना लिया है। शीतगृहों में भी आलू की भर्ती अगले एक सप्ताह में होने लगेगी। जिसके बाद आलू के भावों में कुछ सुधार हो जायेगा। अभी अधिकांश आलू स्थानीय या जनपद के आसपास की मण्डियों में खपत के लिए ही व्यापारी खरीद रहे हैं। अभी आलू कच्चा होने से दूर की मण्डियों में आलू ले जाने से व्यापारी कतरा रहे हैं।