फर्रुखाबाद: जनपद में आलू किसानों से खुली लूट हो रही है, जिसकी हकीकत किसी से छिपी नहीं है। इसी को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता कुछ किसानों के साथ जिलाधिकारी के पास समस्यायें लेकर पहुंचे। जहां पर जिलाधिकारी ने किसानों को लालीपाप देकर वापस लौटा दिया। उन्होंने कहा कि शीतगृह मालिकों से उनका कोई लेना देना नहीं है। जबकि शीतगृह मालिक किसानों से खुली लूट करने में जुटे हैं। किसानों से 10 माह का किराया लिया जा रहा है जबकि उनका आलू 6 माह से अधिक शीतगृह में नहीं रहता।
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किसानों ने जिलाधिकारी से मांग कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी शीतगृह मालिकों ने कोल्ड भाड़ा मनमर्जी बढ़ा लिया है। जिसे नियंत्रित किया जाये। वहीं अन्य प्रदेशों में किसानों से मासिक भाड़ा लिया जाता है। जबकि जनपद के किसानों को 10 महीने का भाड़ा चुकाना पड़ता है। वहीं किसान नेताओं ने मांग की कि जनपद में हजारों किसानों के विद्युत कनेक्शन काट दिये गये हैं जबकि विद्युत विभाग प्रति वर्ष मार्च माह में किसानों को छूट देती है। जिससे मार्च तक के लिए किसानों के विद्युत कनेक्शन न काटे जायें। चीनी मिल कायमगंज के गन्ना क्रय केन्द्रों पर ठेकेदारों को लाभ देने के लिए केन्द्रों पर वरीयता पर्ची दी जा रही है। किसानों को गेट पर्ची विलम्ब से दी जा रही है। इसके साथ ही गन्ना क्रय केन्द्रों पर हो रही घटतौली को भी रोका जाये। इसके साथ ही ऊसर सुधार विभाग द्वारा मात्र कागजों में ही किया जा रहा है जबकि असलियत में किसानों को लाभ नहीं दिया जा रहा है। जिससे ग्राम सितवनपुर पिसू, पिलखना, कुरार, साहबगंज आदि की जांच की जाये। जिस पर जिलाधिकारी ने किसान नेताओं को लालीपाप देकर वापस लौटा दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि उनका शीतगृह मालिकों से कोई लेना देना नहीं है।