बाबरी मस्जिद को गिराने गए लोगों को ताजमहल गिराना चाहिए था

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मुजफ्फरनगर। बीते दिनों उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य एवं नगर विकास मंत्री आजम खां सुर्ख़ियों में तब आये थे जब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती का नाम लेकर कहा था कि वह खुदा से दुआ करेंगे कि लड़कियां सब कुछ बने, पर मायावती जैसी कभी न बने| इस बयान के बाद उनकी काफी किरकिरी हुई लेकिन लगता है आजम खां पर कोई फर्क नहीं पड़ता| तभी तो उन्होंने एक बार फिर कुछ ऐसा कहा है जिसकी वजह से वह ख़ासा चर्चा में हैं|
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देश दुनिया के लोग भले ही ताजमहल पर नाज करते हैं, उसे प्यार की अनमोल निशानी मानते हैं लेकिन इस अजूबे के बारे में उत्तर प्रदेश के कद्दावर मंत्री आजम खां के ख़यालात जरा हटकर हैं। 17वीं सदी की इस ऐतिहासिक धरोहर को आजम खां मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा महबूबा मुमताज महल की याद में सरकारी खजाने का दुरुपयोग मानते हैं। [bannergarden id=”8″]

एक सरकारी कार्यक्रम में भाग लेने मुजफ्फरनगर पहुंचे आजम ने कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने की घटना और उसके बाद हुए दंगों से उन्हें दुख पहुंचा था लेकिन वह उस भीड़ का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं जो 17 वीं शताब्दी में बनवाए गए ताजमहल को गिराने के लिए जा रही हो। आजम खां ने कहा, “बाबरी मस्जिद को ढहाने गए लोगों को उसके स्थान पर ताजमहल को ढहाना चाहिए था।”

इन सबके बीच दिलचस्प बात यह रही कि आजम खान का यह बयान उस वक्त आया, जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विदेशी प्रतिनिधियों के सामने ताजमहल की प्रशंसा में कसीदे पढ़ रहे थे। मुख्यमंत्री ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगरा में अलग से हवाई अड्डा बनवाने और आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की घोषणा की थी।

आजम खां ने प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की तुलना मुगल बादशाह शाहजहां से करते हुए कहा, “दोनों ने ही बेमतलब में पत्थरों के निर्माण में जनता के मेहनत के पैसे को खर्च किया। शाहजहां को अपनी महबूबा पर जनता के करोड़ों रुपए लुटाने का कोई हक नहीं था। यही काम मायावती ने भी अपनी मूर्तियों और हाथियों के बुतों को बनवाकर किया।”

उन्होंने ताजमहल के निर्माण को अतार्किक और गैरजरूरी करार देते हुए उसे ढहाने की कार्रवाई में नेतृत्व करने की इच्छा जाहिर की| यही नहीं, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि जो नेता अपने पुराने दिनों को याद रखता है वह कभी रिटायर नहीं होता लेकिन जो भूल जाता है वह समय से पूर्व ही रिटायर हो जाता है। इसलिए सियासी लोगों की जिम्मेदारी है कि जो वादा करें उसे पूरा भी करें।

उन्होंने मायावती पर कटाक्ष करते हुए कहा, “पिछली सरकार में रामपुर में जो लोग जमीन पर बैठकर जूता गांठते थे, आज उन्हें पक्की दुकान दिला दी गई है। उनसे कुछ लिए बगैर। मौजूदा सरकार में जाति-धर्म के नाम पर कोई भेद-भाव नहीं किया जा रहा लेकिन मायावती सरकार ने किसानों को अपना वोटर न कहते हुए उनके लिए आया खाद भी तस्करी कर बाहर भिजवा दिया।” उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में मायावती ने लोकतंत्र की हत्या कर दी थी, इसलिए वह प्रदेश की बेटियों को सीख देते हैं कि कुछ भी बन जाना लेकिन मायावती कतई न बनना।