फर्रुखाबाद: पाक सेना द्वारा भारतीय सैनिकों के साथ किये गये बीभत्स कृत्य के विरोध में पूर्व सैनिकों ने आक्रोष व्यक्त किया।
इस दौरान पूर्व सैनिकों ने कहा कि भारतीय थल सेना 15 जनवरी को अपना स्थापना दिवस मनाती है। आज के ही दिन भारतीय सैन्य अधिकारी जनरल के एम करियप्पा ने भारतीय थल सेना की कमान संभाली और हमारी सेना पूर्णतः भारतीय सैनिकों से पूर्ण हुई।
दुर्भाग्यवश सेना दिवस से पूर्व पाक सेना ने भारतीय सीमा में घुसकर सीजफायर नियमों का उल्लंघन कर पूर्व सुनियोजित योजना के तहत आक्रमण कर हमारे दो जवानों हेमराज तथा सुधाकर सिंह के साथ वीभत्स कृत्य किया। जोकि सैन्य सम्मान की सबसे शर्मनाक कार्यवाही है।
बैठक की अध्यक्षता सूबेदार मेजर जयसिंह यादव ने की तथा संचालन चन्द्रपाल परिहार ने किया। मुख्य वक्ता कैप्टन डी एस राठौर ने आक्रोष व्यक्त करते हुए कहा कि थल सेनाध्यक्ष जनरल विक्रम सिंह का कथन पूर्णतः सही और उचित है। वहीं चन्द्रप्रकाश मिश्रा ने कहा कि समाज में संत व सीमा पर सैनिक कभी सोता नहीं है।
इस दौरान कैप्टन रनजीत सिंह, विजय बहादुर, आर पी अग्निहोत्री ने भी अपने विचार रखे। आर डी कनौजिया, अबधेश तिवारी, जयनारायण यादव, नरेन्द्र शाक्य, रामसनेही दीक्षित, लज्जाराम यादव, अबधेश सिंह यादव, बीरपाल आदि पूर्व सैनिक मौजूद रहे।
सेना दिवस पर पूर्व सैनिकों ने पाक के कुकृत्य पर किया विरोध
फर्रुखाबाद: पाक सेना द्वारा भारतीय सैनिकों के साथ किये गये बीभत्स कृत्य के विरोध में पूर्व सैनिकों ने आक्रोष व्यक्त किया।
इस दौरान पूर्व सैनिकों ने कहा कि भारतीय थल सेना 15 जनवरी को अपना स्थापना दिवस मनाती है। आज के ही दिन भारतीय सैन्य अधिकारी जनरल के एम करियप्पा ने भारतीय थल सेना की कमान संभाली और हमारी सेना पूर्णतः भारतीय सैनिकों से पूर्ण हुई।
दुर्भाग्यवश सेना दिवस से पूर्व पाक सेना ने भारतीय सीमा में घुसकर सीजफायर नियमों का उल्लंघन कर पूर्व सुनियोजित योजना के तहत आक्रमण कर हमारे दो जवानों हेमराज तथा सुधाकर सिंह के साथ वीभत्स कृत्य किया। जोकि सैन्य सम्मान की सबसे शर्मनाक कार्यवाही है।
बैठक की अध्यक्षता सूबेदार मेजर जयसिंह यादव ने की तथा संचालन चन्द्रपाल परिहार ने किया। मुख्य वक्ता कैप्टन डी एस राठौर ने आक्रोष व्यक्त करते हुए कहा कि थल सेनाध्यक्ष जनरल विक्रम सिंह का कथन पूर्णतः सही और उचित है। वहीं चन्द्रप्रकाश मिश्रा ने कहा कि समाज में संत व सीमा पर सैनिक कभी सोता नहीं है।
इस दौरान कैप्टन रनजीत सिंह, विजय बहादुर, आर पी अग्निहोत्री ने भी अपने विचार रखे। आर डी कनौजिया, अबधेश तिवारी, जयनारायण यादव, नरेन्द्र शाक्य, रामसनेही दीक्षित, लज्जाराम यादव, अबधेश सिंह यादव, बीरपाल आदि पूर्व सैनिक मौजूद रहे।