फर्रुखाबाद : गंगा नदी में जनपद के छपाई उद्योग से निकलने वाला कैमिकल युक्त पानी व शहर की अन्य गंदगी से युक्त गंदा नाला सीधा गंगा में प्रवाहित किया जा रहा था। जिसको लेकर विभिन्न संगठनों ने पिछले दिनों आंदोलन इत्यादि करके उसे बंद कराये जाने की मांग की थी लेकिन आज तक नाला बंद नहीं किया जा सका था। जिसको लेकर समाजसेवियों ने जिलाधिकारी को भी अवगत कराया था। जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी के आदेश के बाद सोमवार को नगर मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने नाला बंद करवा दिया।
इलाहाबाद कुंभ मेला व माघ मेला से पहले ही गंगा को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठन प्रयासरत हैं। जिसको लेकर शहर के ही निवासी बृजकिशोर मिश्र व युधिष्ठर भान द्वारा भी जिलाधिकारी को अवगत कराया गया था कि जनपद के छपाई उद्योग से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी को सीधे गंगा में प्रवाहित कर दिया जाता है जिससे हजारों लाखों जीव जंतु मर जाते हैं। पिछले दिनों कई बार मछलियों इत्यादि के मरने के भी समाचार आते रहे हैं। जिसको जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी ने गंभीरता से लेते हुए नगर मजिस्ट्रेट मनोज कुमार को नाला शीघ्र बंद कराने के निर्देश दिये। जिसके बाद नगर मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने जेसीबी से नाले में तीन जगह बांध लगवा दिया।
जिसमें पहला बांध भैरव मंदिर के पास, दूसरा दूध डेरी के पास व तीसरा दोनो बांधों के बीच में लगाया जायेगा। जिसके बाद शहर का गंदा पानी व कैमिकल युक्त पानी गंगा में सीधा नहीं जा सकेगा। लेकिन नगर पालिका के लिए एक बड़ी समस्या आने वाली है कि शहर से निकलने वाले गंदे पानी को बांध लगाकर आखिर कब तक रोके रखेगी। बांध लगाने के बाद लोगों की तैयार खड़ी फसलों में भी यही गंदा पानी भरेगा। जिससे हजारों बीघा फसलें नष्ट होने की भी आशंका बनी हुई है। लेकिन प्रशासन ने अभी तक इसके लिए कोई स्थाई उपाय नहीं किये हैं।