फर्रुखाबाद : जनपद में भले ही तम्बाकू उत्पाद से लेकर अन्य कई उत्पादों में शुल्क की चोरी कर चोरी छिपे अधिकारियों व कर्मचारियों की साठगांठ से जनपद के बाहर भेज दिये जाते हों लेकिन रविवार को किसानों द्वारा कानपुर की मण्डी में बेचने लिये जा रहे आलू भरे ट्रकों को मण्डी समिति के अधिकारियों ने सीज कर दिया। इतना ही नहीं जब किसान ज्यादा गिड़गिड़ाये तो प्रति ट्रक 20 हजार रुपये के हिसाब से जुर्माना लगा दिया गया। जिससे गुस्साये किसानों ने कमालगंज मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। भारी मसक्कत के बाद जाम को खुलवाया जा सका।
कमालगंज क्षेत्र के ग्राम दिवरापुर निवासी किसान बेचेलाल, सुरेश व राजीव ने अपने खेत से आलू खोदकर ट्रकों पर लोड कराया व कानपुर की मण्डी में बेचने के लिए रविवार को चल दिये। ट्रक संख्या यूपी 78एस 4410, यूपी 78टी 4417, यूपी 76 के 1787, यूपी 76 के 0151 में आलू भरकर जैसे ही मुख्य मार्ग पर आये तो कानपुर से आये मण्डी समिति के अधिकारियों ने ट्रकों को रुकवा लिया। जिन्होंने किसानों से मण्डी गेटपास दिखाने को कहा। किसानों ने कहा कि वह लोग उत्पादक हैं उन्हें मण्डी गेटपास लेने की आवश्यकता नहीं है। उनसे मण्डी शुल्क कटेगा वह भी जिस मण्डी में बेचेंगे उस मण्डी में। लेकिन मण्डी सचिव व अधिकारियों ने किसानों की एक नहीं सुनी। किसान गिड़गिड़ाते रहे लेकिन अधिकारियों ने चारो ट्रकों को सीज कर चालान काट दिये व प्रति ट्रक 20 हजार रुपये का दण्ड शुल्क लगा दिया गया। यह देख किसान मायूस हो गये। मायूस किसानों का कहना था कि उनका कच्चा आलू ट्रकों में भरा है यदि दो दिन तक रुका रहा तो आलू खराब हो जायेगी व उनकी साल भर की मेहनत चली जायेगी। काफी मिन्नतें करने के बाद भी जब उनकी किसी ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने मिलकर मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों द्वारा जाम लगाये जाने की सूचना पर कमालगंज थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे। दो घण्टे तक मुख्य मार्ग जाम लगने से सड़क के दोनो तरफ वाहनों की लम्बी लम्बी कतारें लग गयीं। दो घण्टे बाद ग्रामीणों को समझा बुझाकर जाम खुलवा दिया गया। वहीं ग्रामीण बेचेलाल, सुरेश व राजीव ने जिला मुख्यालय पहुंच कर डीएम से बात की। जिलाधिकारी ने तत्काल मण्डी सचिव धर्मेन्द्र को मौके पर बुलाया। मण्डी सचिव ने डीएम को बताया कि अब उन किसानों के चालान काटे जा चुके हैं। अब उसमें कुछ नहीं हो सकता।