मस्जिद काजी साहब में सीरत कमेटी की जानिब से आयोजित जलसा इस्तकबाल हुज्जाज-ए-इकराम में 25 हाजियों की गुलपोशी कर नजराने पेश किये गए। जलसे की निजामत कर रहे सज्जादानशीन कारी शाह फसीह मुजीबी ने हाजियों की शान में कहा ‘जो दरबारे खैरुल बशर देख आये, दुआओं का अपनी असर देख आये।
कार्यक्रम का शुभारंभ हाफिज हारून द्वारा कुरान पाक की तिलावत से किया गया। गुलरेज अली नदवी ने फरीजा-ए-हज की फजीलतों पर रोशनी डाली। मौलाना शमशाद अहमद चतुर्वेदी ने कहा कि वे खुशनसीब हैं वह कि जिन्होंने मक्का-मदीने के पवित्र स्थान देखे। मौलाना हज ट्रेनर डा.मो.मोहसिन ने हज के दौरान की जाने वाली सावधानियों का जिक्र किया। कमेटी के सचिव इंतजार अली खां की कयादत में सभी सदस्यों ने हाजियों की गुलपोशी की और उन्हें नजराना पेश किया।
हज से वापस लौटे सपा नेता हाजी जियाउद्दीन ने मक्का-मदीना में रहने के अनुभव बांटे और वहां के मंजर बयान किये। कार्यक्रम में एसएम रजा, कैसर हुसैन नूरुल ऐन, मुखतार खां, मो.अशफाक, मो.अखलाक, मकसूद अंसारी , नफीस अहमद खां, आफताब हुसैन, मो.नईम, रशीद अंसारी आदि हाजियों का इस्तकबाल किया गया। सीरत कमेटी के हाजी शराफत खां, मो.हसीन, हाफिज निसार, सै.वाकर अली, अफरोज आलम खां आदि मौजूद रहे।