फर्रुखाबाद: टीईटी शिक्षकों की भर्ती के लिए चालान फार्म जमा करने के लिए जनपद में स्टेट बैंक की शाखाओं में इस समय सुबह बैंक खुलने से पहले ही लम्बी लम्बी लाइनें लग जाती हैं। बैंकों में प्रति अभ्यर्थी केवल दो चालान फार्म ही एक दिन में जमा किये जाने की बाध्यत से अभ्यर्थियों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। जिससे बैंकों में धक्कामुक्की शोर शराबे के साथ प्रति दिन अभ्यर्थियों में मारपीट तक हो जाती है।
प्रदेश में 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए स्टेट बैंक की किसी भी शाखा में चालान के माध्यम से फीस जमा करने की बाध्यता रखी गयी है। अभ्यर्थियों द्वारा 20 से 30 जनपदों में अलग अलग फीस जमा किये जाने से प्रति दिन भीड़ लगातार बढ़ रही है। बैंकों में दो चालान एक दिन में एक अभ्यर्थी के जमा किये जाने से अभ्यर्थी अपने परिजनों को भी लाइनों में लगाकर चालान जमा कर रहे हैं। जिससे भीड़ और अधिक बढ़ रही है।
वहीं कुछ अभ्यर्थी 18 दिसम्बर को आने वाले कोर्ट के फैसले के भी इंतजार में हैं। अभ्यर्थियों को अभी भी आस है कि 18 दिसम्बर को होने वाली हाईकोर्ट की सुनवाई में फीस 50 रुपये प्रति जनपद हो जायेगी। जिससे अभी कुछ अभ्यर्थी बैंकों में चालान बनवाने के लिए जल्दी में नहीं है। लेकिन 18 दिसम्बर के बाद बैंकों में भारी संख्या में अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। स्टेट बैंक शाखाओं में अभी तक अभ्यर्थियों के चालान जमा करने के लिए कोई विशेष काउंटरों की व्यवस्था नहीं की गयी है। आने वाले 28 दिसम्बर तक यदि टीईटी अभ्यर्थियों के चालान जमा नहीं हो पाते हैं तो वह लोग शिक्षक बनने के सपने को संजोकर ही रह जायेंगे।
जनपद में स्टेट बैंक अधिकारियों के द्वारा टीईटी शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए चालान जमा किये जाने को अलग से अतिरिक्त काउंटर न खोले जाने से जहां एक ओर अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है वहीं भर्ती से प्रदेश सरकार को मिलने वाले राजस्व को भी घाटा हो रहा है।