फर्रुखाबाद: परिषदीय पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान व गणित शिक्षण के लिए साइंस टीचर तैनाती की योजना धरी रह गई है। 5 माह पूर्व जारी समायोजन आदेश को शिक्षकों ने ठेंगा दिया है। अनेक शिक्षकों ने समायोजन वाले विद्यालयों में योगदान नहीं किया है। अतर्जनपदीय तबादले पर योगदान करने वाली शिक्षिकाओं ने जिलाधिकारी के समक्ष भी यह मामला उठाया था।
समायोजन के संबंध में शासन के निर्देश थे कि प्रत्येक जूनियर विद्यालय में विज्ञान शिक्षक की तैनाती हो। माह जुलाई अगस्त में समायोजन आदेश जारी कर दिये गये थे। कई शिक्षकों ने समायोजन आदेश का अब तक पालन नहीं किया है। जिलाधिकारी ने ऐसे शिक्षकों के निलंबन के आदेश दिये थे, जिन्होंने समायोजन वाले विद्यालयों में ज्वाइन नहीं किया। खंड शिक्षा अधिकारी, जिलाबेसिक शिक्षा अधिकारी एवं वित्त एवं लेखाधिकारी की मिलीभगत से योगदान न करने वाले समायोजित शिक्षकों का नियमित रूप से वेतन भुगतान कर रहे हैं, जो अपने आप में बेसिक शिक्षा विभाग में मासिक उगाही की प्रथा का स्पष्ट प्रमाण है। मजे की बात है कि राधेश्याम शक्य, इक्तिदार आलम, विपिन कुमार आदि कई विज्ञान शिक्षक तो शिक्षण कार्य छोड़ बीएसए कार्यालय में नियमविरुद्ध रूप से संबद्ध हैं। वहीं कई विज्ञान शिक्षक सुविधा के तौर एबीआरसी व पीटीआई पदों पर तैनात हैं, और अपने मूल विद्यालय में शिक्षण कार्य छोड़ कर दूसरे विद्यालयों में निरीक्षण के नाम पर उगाही में लिप्त हैं।
विकासखंड बढ़पुर में दो शिक्षकों ने योगदान नहीं किया। विकासखंड मोहम्मदाबाद में उनासी तथा गनपतपुर जूनियर हाईस्कूल अभी भी विज्ञान शिक्षक विहीन विद्यालय हैं। समायोजन आदेश पर अब तक अशोक कुमार, जगदीश सिंह, रक्षपाल सिंह, विजय बहादुर सिंह, सुरेंद्र सिंह वर्मा, मेहरू रियाज, क्षमा शिवहरे गुप्ता, आशा गुप्ता, मयंक व कृष्णाधार मिश्रा, राम औतार पाल ने संबंधित स्कूलों में कार्यभार ग्रहण नहीं किया। कमालगंज, शमसाबाद, राजेपुर, कायमगंज व नवाबगंज के कई शिक्षक समायोजन में नहीं पहुंचे। इसके विपरीत कई स्कूलों में दो-दो विज्ञान शिक्षक अभी भी जमे हैं। शमसाबाद के कटरी तौफीक में प्रधानाध्यापक रियासत अली व सहायक अध्यापक राकेश चंद्र यादव विज्ञान शिक्षक हैं।