फर्रुखाबाद : 29 नवंबर 2012 को जिलाधिकारी डा. मुथुकुमार स्वामी ने अनियमित नियुक्त 42 नगरपालिका के कर्मचारियों को बर्खास्त करने के बाद नगरपालिका के रिटायर्ड अधिशासी अधिकारी राजाबाबू गुप्ता के विरुद्ध शासन ने चेयरमैन को जांच अधिकारी नामित करने के निर्देश दिये हैं। राजाबाबू गुप्ता का निलंबन अवैध नियुक्ति व वित्तीय अनियमितता के मामले में हुआ था। उच्च न्यायालय के आदेश के पश्चात शासन ने इस संबंध में आदेश जारी किये हैं।
अनियमित नियुक्तियों व वित्तीय अनियमितताओं में शासन पूर्व में पालिकाध्यक्ष दमयंती सिंह को बर्खास्त भी कर चुका है। इस दौरान इसी प्रकरण में तत्कालीन अधिशासी अधिकारी राजाबाबू गुप्ता को निलंबित भी किये गए थे। हालांकि राजाबाबू गुप्ता अब रिटायर हो चुके हैं, उनकी पेंशन भी रुकी हुई है।
उच्च न्यायालय में राजाबाबू गुप्ता की अनुज्ञा याचिका 2036/10 ने 28 जनवरी 2011 को आदेश पारित किया था। अब राजाबाबू गुप्ता के खिलाफ जांच होनी है। पहले जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को नामित किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब पालिकाध्यक्ष को जांच अधिकारी नामित करना है। इस संबंध में नगर विकास अनुभाग के विशेष सचिव विष्णु स्वरूप मिश्रा ने पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि राजाबाबू गुप्ता नगरपालिका में प्रकाश अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे। यह अकेंद्रीयत सेवा का पद है। इसके नियुक्त अधिकारी नगरपालिका अध्यक्ष हैं। इस प्रकरण में हाईकोर्ट में योजित याचिका में पारित आदेश को दृष्टिगत रखते हुए अध्यक्ष नगरपालिका प्रकरण में जांच अधिकारी नामित करें। शासन के आदेश के बाद जिलाधिकारी डा.मुथुकुमार स्वामी ने जांच अधिकारी नामित करने के लिए पत्र भेजा है।