सरबजीत और कसाब की तुलना स्‍वीकार नहीं: सलमान

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फर्रुखाबाद: अपने दो दिवसी दौरे पर यहां पहुंचे केंद्रीय विदेश मेंत्री सलमान खुर्शीद ने शनिवार को यहां कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ सामंजस्‍य बनाकर विकास के पथ पर आगे बढ़ने की अपनी नीति पर आगे बढतार रहेगा। सरबजीत की रिहाई के बिंदु पर उन्‍होंने साफ किया कि कसाबा से सरबजीत की तुलना कतई स्‍वीकार नहीं है। उनहोंने कहा कि भारत की इस दिशा में लगातार कोशिशों के चलते ही सबरजीत को आज तक फांसी नहीं हुई है।

श्री खुर्शीद ने कहा कि विदेश मंत्री बदलने से किसी देश की विदेश नीति में कोई परिवर्तन सामान्‍यतय: नहीं आता है। विदेश नीति मे तो सरकारें बदलने के बाद भी कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होता है। हां कार्यशैली में व्‍यक्‍ति से व्‍यक्‍ति मे अंतर हो सकता है। उन्‍होंने कहा कि भारत शुरू से ही पड़ोसी देशों के साथ सामन्‍जस्‍य बिठाकर काम करने की अपनी नीति पर चल रहा है।

चीन के विषय में उन्‍होंने कहा कि चीन मे मार्च तक नये लोग सत्‍ता में आ सकते हैं। आने वाले समय में चीन का रुख भारत की आरे और अधिक सकारात्‍मक होने की उम्‍मीद है। चीन के साथ सीमा विवाद के विषय में उन्‍होंने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि अभी तक दोनों देशों के बीच सीमांकन का मुद्दा ही नहीं निबट सका है। हम लोग इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। चूंकि अभी तक सीमांकन ही नहीं है, इस लिये सीमा या वास्‍तविक नियंत्रण रेखा का प्रश्‍न ही नहीं उठता है। उन्‍होंने कहा कि चीन ही क्‍या अभी तक बंगलादेश के साथ सीमांकन का मुद्दा लंबित है।

पाकिस्‍तान में सरबजीत की रिहाई के बिंदु पर पूछे जाने पर श्री खुर्शीद ने कहा कि सरबजीत के मामले को कसाब से जोड़कर देखने का कोई औचित्‍य ही नहीं है। उनहोंने कहा कि सीमापार से एक-आध आवाज इस प्रकार की आयी परंतु हमने साफ कर दिया कि कसाब से सरबजीत की तुलना भारत को स्‍वीकार्य नहीं है। उन्‍होंने कहा कि सरबजीत की रिहाई के लिये कूटनीतिक स्‍तर पर जो कुछ हो सकता है वह किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि यह भारत के सक्रिय हस्‍तक्षेप व प्रयासों का ही प्रतिफल है कि पाकिस्‍तान की सरकार पर सरबजीत की फांसी के लिये लाख आंतरिक दबाव होने के बावजूद आज भी सरबजीत जीवित है।