शराब और रियल ऐस्टेट कारोबारी पॉन्टी चड्ढा और उनके भाई हरदीप चड्ढ़ा की हत्या में सुखदेव सिंह नामधारी के पास रखे 200 करोड़ की ब्लैक मनी का पेच भी जुड़ गया है। पॉन्टी और नामधारी के बीच अरबों रुपए की डील, लेन-देन और जगह-जगह पॉन्टी की बेनामी संपत्ति को भी इस डबल मर्डर की वजह माना जा रहा है।
क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, सुखदेव सिंह नामधारी के अलावा उसके पीएसओ सचिन त्यागी और पॉन्टी के सिक्युरिटी मैनेजर नरेंद्र से पूछताछ से जो जानकारियां मिली हैं, उससे शक गहरा रहा है कि नामधारी ने ही इस डबल मर्डर की पृष्ठभूमि तैयार की होगी। पुलिस पूरे मामले को इस साल फरवरी में नोएडा में पॉन्टी के सीएसएम मॉल और फॉर्म हाउस पर हुई इनकम टैक्स रेड से जोड़कर देख रही है। सूत्रों के मुताबिक, यूपी और दिल्ली समेत पॉन्टी के कई ठिकानों पर रेड की सूचना पहले मिल गई थी। इसके बाद पॉन्टी ने करीब दो सौ करोड़ रुपये नामधारी को अपने पास रखने के लिए दे दिए थे। पुलिस को यह भी पता लगा रही है कि पॉन्टी ने देश के बाहर साउथ अफ्रीका में 2000 एकड़ जमीन खरीदी थी, वह कहीं नामधारी के नाम पर तो नहीं है।
पॉन्टी की बेनामी संपत्तियों और ब्लैक मनी का राज़दार होने की वजह से पुलिस को शक है कि इन संपत्तियों को हड़पने के लिए नामधारी ने साजिश के तहत पॉन्टी और हरदीप चड्ढा के बीच विवादों के शोलों को हवा दी और इसे इस मुकाम तक पहुंचाया कि दोनों ने 17 नवंबर को छतरपुर में 42 नंबर फार्महाउस पर एक-दूसरे पर बंदूक तान दी। पुलिस नामधारी के कॉल डीटेल्स की पड़ताल में लगी है। यह जानने की कोशिश हो रही है कि क्या नामधारी पॉन्टी के अलावा उसके भाई हरदीप के भी टच में था और उसने मामला ‘क्रॉस’ कर दिया हो?
एक ऑफिसर का कहना है कि बाकी ऐंगल के अलावा इस कोण से भी जांच की जा रही है कि नामधारी ने हरदीप को क्यों मारा। गौरतलब है कि हरदीप की पीठ में नामधारी द्वार चलाई गई गोली लगी है, इसलिए उस पर मर्डर की धारा भी लगा दी गई है। जहां तक पॉन्टी और नामधारी के बीच अरबों रुपए की डील, लेन देन, करोड़ों रुपए जगह-जगह नामधारी की जानकारी में बेनामी तरीके से लगे होने का सवाल है, तो इस बारे में परिवार ने कोई शिकायत अभी तक नहीं की है। अपनी तरफ से पुलिस सभी कोणों को ध्यान में रख रही है।
सूत्रों के मुताबिक, पॉन्टी और नामधारी ने दिवाली से कुछ दिन पहले से ही फार्म हाउस पर कब्जे को लेकर कोशिश शुरू कर दी थी। हरदीप ने फार्म हाउस के बाहर ‘फॉर सेल’ का बोर्ड लगा दिया, तो मामला चरम पर पहुंच गया। इसके बाद पॉन्टी और नामधारी की गतिविधियां तेज हो गईं। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि नामधारी ने कहीं फोन करके हरदीप को तो नहीं उकसाया था? कहीं वह एक तरफ तो पॉन्टी को आगे कब्जे के लिए बढ़ाता रहा, दूसरी तरफ हरदीप के मन में जहर भरता रहा हो कि जब आएंगे, तो निपटा देना? फिर जब हरदीप ने पॉन्टी पर गोलियां चला डालीं, तो राज़ और अरबों के लेन-देन की जानकारी को वहीं दफन कर देने के इरादे से नामधारी ने हरदीप पर गोलियां चला दीं? पुलिस फिलहाल इन सारे सवालों को सुलझाने में लगी है।