108 नम्बर बोला – पागल है तो नहीं ले जायेंगे

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फर्रुखाबाद: शायद पागल अपने मताधिकार का प्रयोग करना नहीं जानता या यूं कहिये कि संविधान में मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति को मताधिकार करने का कानून नहीं है। शायद इसी बजह से समाजवादी पार्टी द्वारा चलायी गयी 108 नम्बर की आपातकालीन एम्बुलेंसों में पागल को ले जाने का कानून नहीं है। बेबर रोड पर सड़क किनारे किसी वाहन से टकराकर मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति कई घंटे पड़ा रहा। क्षेत्रीय 108 नम्बर एम्बुलेंस को सूचित किया गया। एम्बुलेंस पहुंची तो लेकिन यह कहकर ले जाने से इंकार कर दिया कि सड़क किनारे पड़ा व्यक्ति पागल है और मानसिक विक्षिप्त को ले जाने की इजाजत उन्हें नहीं।

सड़कों पर दौड़ रहीं 9 आपातकालीन एम्बुलेंसों पर तब प्रश्नवाचक चिन्हं लग गया जब उनके द्वारा घायल विक्षिप्त व्यक्ति को ले जाने से इंकार कर दिया गया। किसी अज्ञात वाहन की टक्कर लगने से वह चल नहीं पा रहा था। एम्बुलेंस के मना कर देने के बाद पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस भी मानसिक विक्षिप्त या लावारिश शब्द सुनकर बड़े आराम से पहुंची और उसे लोहिया अस्पताल के आपातकालीन द्वार पर लेकर आयी। बाहर घायल को डाल दिया गया। घंटों तक घायल उस बोर्ड के नीचे पड़ा रहा जिसके ऊपर लिखा था आपातकालीन सेवा 24 घंटे उपलब्ध और बगल में ही बड़ा सा पोस्टर 108 नम्बर की एम्बुलेंस का लगा था। डाक्टर से लेकर अन्य कर्मचारी उसको उठाने तक की जहमति नहीं कर पाये और एक दूसरे पर मामले को टालने का प्रयास करते रहे।