फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के उद्योगपतियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेश व्यापी बंद का एलान कर दिया। जिसके चलते जनपद के भी सभी औद्योगिक केन्द्रों में ताले डाल दिये गये। व्यापारी 13 सितम्बर 2012 को 9 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर विद्युत बिल का 7.5 प्रतिशत विद्युत कर बढ़ा देने को लेकर उग्र हो गये हैं। उद्योगपतियों की मांग है कि बढ़ाये गये विद्युत दर को शीघ्र कम किया जाये।
भारतीय औद्योगिक समिति के महासचिव मनीश गोयल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के उद्योगपतियों को हड़ताल करने के लिए सरकार ने मजबूर कर दिया है। विभिन्न औद्योगिक संगठन व प्रदेश के समस्त उद्यमी 27 जून 2012 से जब यूपी पीसीएल द्वारा आईपीई आर सी में अप्रत्याशित विद्युत दरों की वृद्वि का प्रस्ताव दाखिल किया गया था तभी से विद्युत नियामक आयोग को अपने तर्क एवं विरोध प्रस्तुत कर रहे थे। आयोग इन प्रस्तावों पर सुनवाई कर ही रहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बेतहाशा विद्युत कर 13 सितम्बर 2012 को 9 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर विद्युत बिलों का 7.5 प्रतिशत कर दिया। जिससे विद्युत कर का भार 400 से 600 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय औद्योगिक समिति एवं अन्य उद्योगों तथा उपभोक्ता संगठन इस स्थिति से उत्तर प्रदेश सरकार को शांतिपूर्ण तरीके से चार माह से अवगत कराने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उद्योगपतियों के इस समस्या का समाधान उत्तर प्रदेश सरकार ने नहीं किया।
गुरुवार को जनपद फर्रुखाबाद के अलावा गाजियाबाद, इलाहाबाद, कुशीनगर, देवरिया, मेरठ, रायबरेली, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, कानपुर, नोएडा, रामपुर, हापुड़, वाराणसी इत्यादि स्थानों पर उद्योगपति हड़ताल पर रहे।