वर्ड टेलीविजन डे : 87 वर्ष में मोबाइल टीवी तक पहुंचा टेलीविजन

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फर्रुखाबाद :सन 1925 में टेलीविजन के आविष्कार के समय आविष्कारक जॉन लोगी बॉयर्ड ने यह सोचा भी न होगा कि मात्र 87 वर्ष के सफर में टेलीविजन में इतनी बड़ी क्रांति आयेगी। समय के साथ साथ टेलीविजन ने इतनी बड़ी क्रांति ला दी कि आज अपने देश ही नहीं सारी दुनिया में टेलीविजन हर व्यक्ति की जरूरत बन गया। इतना ही नहीं टेलीविजन ने फिल्मी जगत से लेकर न्यूज चैनलों तक न जाने कितने रोजगार अवसरों का श्रजन किया। इसी के साथ ही टेलीविजन का विकास इतनी तेजी से हुआ कि आज टेलीविजन सस्ते मोबाइलों तक पर मौजूद है। जिसका लोग बखूबी आनंद ले रहे हैं।

अब बात करते हैं टेलीविजन की तो जिस टीवी से चिपक कर तुम काटरून देखते रहते हो, कल उसी का डे है यानी वर्ल्ड टेलीविजन डे। इसीलिए हम तुम्हें आज बता रहे हैं टीवी की दुनिया से जुड़ी दिलचस्प बातें, मसलन किसने टीवी बनाया, कब बनाया, पहले ये कैसा था और आज कैसा है..

टेलीविजन को बनाने वाले व्यक्ति पेशे से इंजीनियर थे और वह स्कॉटलैंड के रहने वाले थे। इनका नाम जॉन लोगी बॉयर्ड था। इन्होंने 1925 के आसपास टेलीविजन बनाया और कुछ दिनों बाद कलर टीवी का भी आविष्कार किया। हर साल 21 नवंबर को वर्ल्ड टेलीविजन डे मनाया जाता है। इसे मनाने का फैसला दिसम्बर 1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने किया था। वैसे तो टेलीविजन 1925 के आसपास आ गया था, लेकिन 1950 में दुनिया भर में आम जनता के बीच पसंद किया जाने लगा। हमारे देश भारत में टेलीविजन 15 सितंबर 1959 में आया। 1972 तक टेलीविजन की सेवाएं अमृतसर और मुम्बई के लिए बढ़ाई गईं। तुम्हें जान कर हैरानी होगी कि आज हर घर में देखे जाने वाला टेलीविजन 1975 तक केवल सात शहरों में देखा जा सकता था। भारत में राष्ट्रीय प्रसारण की शुरुआत 1982 में की गई थी। इसी साल भारत में कलर टीवी भी आया और लोगों ने टीवी को एक नए रूप में देखना शुरू किया। उस समय आजकल की तरह बहुत से चैनल न होकर केवल एक ही चैनल होता था, जिसे दूरदर्शन कहा जाता था। धीरे-धीरे दूसरे चैनलों की शुरुआत हुई।