लुईस की CD- कांग्रेस में अहमियत मिलने की शर्त पर कांग्रेस से जुड़ने को तैयार थे लक्ष्‍मण सिंह

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फर्रुखाबाद: केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद व उनकी पत्‍नी के ट्रस्‍ट के विरुद्ध मोर्चा खोले लक्ष्‍मण सिंह एडवोकेट से लुइस खुर्शीद की दूरभाष पर हुई वार्ता की एक सीडी बुधवार को कांग्रेस की ओर से जारी की गयी है। मीडिया को उपलब्‍ध करायी गयी सीडी में लक्ष्‍मण सिंह कांग्रेस नगर अध्‍यक्ष पुन्‍नी शुक्‍ला को पार्टी से निकालने की शर्त पर जाकिर हुसैन ट्रस्‍ट के विरुद्ध चलाये जा रहे अपने अभियान को बंद कर उनसे जुड़ने तक को तैयार नजर आ रहे हैं। सीडी में लक्ष्‍मण सिंह अपने द्वारा उपलब्‍ध करायी गयी सूची के विकलांगों को उपकरण न दिये जाने व पूर्व सभासद विद्यायनंद आर्य की पुत्री का दाखिला (सम्‍भवत: डीपीएस में) न कराये जाने की नाराजगी चर्चा भी सीडी का भाग है। एक स्‍थान पर लुइस खुर्शीद द्वारा लक्ष्‍मण सिंह को उनकी पत्‍नी पर किये गये किसी एहसान का भी उल्‍लेख करती सुनी जा रही हैं। सीडी से स्‍पष्‍ट है कि इसकी रिकार्डिंग संभव्रत: पूर्व नियोजित ढंग से की गयी है। क्‍यों कि लुइस खुर्शी ने वार्ता के दौरान कई बार अपना बिंदु स्‍थपित करने का प्रयास किया है।
LUIS KHURSHEED LAXMAN SINGH CD
उपलब्ध करायी गयी सीडी में फोन की रिंग के बाद वार्ता की शुरूआत कुछ यूं होती है कि जरा लक्ष्मण सिंह जी से बात कराइए, उधर से आवाज आती है जी भाभी जी लक्ष्मण सिंह बोल रहा हूं। सवाल आया मुझे बताओ लक्ष्मण सिंह इतना अच्छा काम आप लोगों ने वहां किया और एक दिन में सब मिट्टी में मिला देंगे, सिर्फ पुन्नी शुक्ला की बजह से? जबाव में लक्ष्मण सिंह कहते हैं, नहीं मुझे यह बताइये पुन्नी शुक्ला जैसे लोग रहेंगे बेकार काम करेंगे, कोई लोगबाग और नहीं हैं क्या कांग्रेस में काम करने के लिए, कभी आपने इससे पहले सोचा था। जबाव में मैडम कहती हैं कि नहीं नहीं लोग हैं और मैं आपको काफी जिम्मेदारी दे देंगे। लेकिन इस वक्त आप ये शर्त मत लगाओ कि अगर पुन्नी को पार्टी से निकाल दें तभी मैं यह मोर्चा बंद कर देंगे, ये शर्त मत लगाओ ना। लक्ष्मण सिंह कहते हैं नहीं, फिर और कौन सी शर्त लगायें? मैडम कहतीं हैं नहीं आप नहीं उस बजह से क्योंकि उस वक्त कुछ नहीं किया, तभी तो आप ये कर रहे हैं हमारे साथ। लक्ष्मण सिंह कहते हैं नही तो हमें क्या करना, इस तरीके से हम कुछ नहीं कर पायेंगे, आप यहां से शुरूआत करिए हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

मैडम कहतीं हैं नहीं नहीं, मतलब आप यह इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आप पुन्नी से नाराज हैं। लक्ष्मण सिंह जबाव देते हैं पुन्नी से नहीं हम अपनी भाभी मैडम लुईस खुर्शीद से नाराज हैं जिन्होंने मुझे मिस गाइड किया, जो लिस्ट मांगी थी विकलांगों की उसमें साल दो साल हो गये उनमें से किसी को कुछ नहीं दिया गया। आपकी कोठी पर लेकर गया था सभी विकलांगों को लेकर। मैडम कहतीं हैं नहीं नहीं, मैने आपको कहा था ना कि वह लोग हमारे कैम्प में लेकर आयें, आप कैम्प में लेके आते।  लक्ष्मण सिंह कहते हैं – हम कहां कहां जायेंगे, इतने बड़े पूंजीपति तो हैं नहीं।

इसी बीच लम्बे वार्तालाप के अगले चरण में लक्ष्मण सिंह कहते सुनाई पड़ते हैं कि मैं आपकी पुरानी वाली कोठी पर सात सात दिन रहा हूं। सलमान साहब के साथ और रात को होटल में बैठकर खाना खाते थे और आपके घर पर मेम्बर जैसा था मुझे किसी काबिल नहीं समझा गया कि ये किस टाइप का आदमी है और इसके साथ किस प्रकार का व्यवहार होना चाहिए। मैने पैसे का कभी सवाल नहीं रखा और न ही लक्ष्मण सिंह को कभी खरीदा जा सकता है।

आगे के वार्तालाप में एक बार फिर मैडम लुईस खुर्शीद लक्ष्मण सिंह से पूछतीं हैं- तो आप पुन्नी शुक्ला से अपने झगड़े में मुझे नीचा दिखा रहे हैं। लक्ष्मण सिंह का जबाव है नहीं हम पुन्नी शुक्ला से नहीं आपसे दिखा रहे हैं। अब आप जैसे सैटिस्फाई हों, मुझे अपने आपसे जोड़ना है तो शुरूआत आज से ही कर दीजिए, अभी अभी शुरूआत कर दीजिए, मैं कुछ सोचूंगा और आपके वहां बैठकर बात करूंगा। जैसा होगा वैसा करेंगे। इस पर मैडम सवाल पूछतीं हैं अगर मैं पुन्नी को पार्टी से नहीं निकालेंगे तब तक आप ये आज तक के साथ मोर्चा चलाते रहेंगे? लक्ष्मण सिंह कहते हैं नहीं, आज तक के नहीं, पूरा फर्रुखाबाद जानता है हम मीडिया को बुलाते नहीं, मीडिया खुद आती है। मैडम कहतीं हैं अच्छा। लक्ष्मण सिंह जारी रखते हैं- आप डिसीजन सोच समझ कर लीजिएगा, मतलब यह है कि पुन्नी शुक्ला आज भी बहुत अहमियतवान हैं और हम कुछ नहीं हैं।  मैडम कहतीं हैं- और आप इसलिए भी नाराज हैं कि लड़की का एडमीशन नहीं हुआ, और बीबी का क्या हुआ था। आपकी बीबी के लिए क्या नहीं किया। लक्ष्मण सिंह कहते हैं अरे अब छोड़िये, जो है अब शुरूआत करिए, हम विचार करेंगे।

वार्ता के अंतिम चरण में मैडम पूछतीं हैं अच्छा लक्ष्मण सिंह जी आपका कहना है कि पुन्नी शुक्ला को पार्टी से निकालें तो यह पूरा मामला हल कर देंगे, लक्ष्मण सिंह- हां पूरा मामला बंद कर देंगे। मैडम- कैसे बंद करोगे? अभी जो आरोप लगाया गया है उसको कैसे सही करोगे? लक्ष्मण सिंह नहीं तो आरोप के लिए हम कुछ करेंगे। मैडम – मतलब जो आरोप लगाया गया है उसको कैसे मिटा देंगे? लक्ष्मण सिंह – चलिए हम सब वह बैठकर करेंगे, कैसे हटेगा आरोप, अकेले लक्ष्मण सिंह के हटाने से नहीं हट जायेगा, सभी बैठकर विचार विमर्श करेंगे। तब डिसीजन लेंगे। मैडम मतलब कोई तरकीब है? हां है, मैडम ठीक है, ओके भैया ओके।