बेसिक स्कूलों में बीएसए का औचक निरीक्षण, समस्त एबीआरसी का वेतन रोका

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निरीक्षण में बीएसए के साथ संविदा शिक्षक भी रहे  फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा विभाग में परिषदीय विद्यालयों का जनपद में एक साथ सघन निरीक्षण किया गया। सघन निरीक्षण में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय बुढ़नामऊ, कन्या विद्यालय तथा प्राथमिक विद्यालय बुढ़नामऊ का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बीएसए को प्राथमिक विद्यालय बंद मिला। उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रातः 10 बजे बीएसए ने चतुर्थश्रेणी कर्मचारी की उपस्थिति में बच्चों से प्रार्थना करवायी। देर से विद्यालय पहुंची प्रधानाध्यापिका कमला श्रीवास्तव से बीएसए ने जब कारण पूछा तो उन्होंने तबियत खराब होने का बहाना बनाया। दूसरी सहायक अध्यापिका भी विलम्ब से जब उपस्थित हुईं तो बीएसए चुप रहे। क्योंकि वह अध्यापिका जिले के एक बड़े अधिकारी के बाबू की पत्नी थीं। उन्होंने बच्चों से भी सवाल जबाव किये।

बीएसए के साथ इंटीनरेंट टीचर अनुपम शुक्ला तथा स्टेनो राजीव यादव भी रहे।बीएसए के साथ गये इंटीनरेंट टीचर ने कन्या प्राथमिक विद्यालय बुढ़नामऊ का निरीक्षण करना चाहा। जिस पर प्रधानाध्यापक नानकचन्द्र ने शिक्षक से कहा कि अपने विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने क्यों नहीं गये। जिस पर वह उल्टे पांव वापस लौट गये। बाद में बीएसए ने विद्यालय का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान बीएसए भगवत प्रसाद पटेल को कक्षा 5 में पंजीकृत 23 बच्चों में सभी बच्चे उपस्थित मिले। उन्होंने बच्चों से मिड डे मील का सप्ताहिक मीनू पूछा। बच्चों ने उसका प्रति दिन का बखूबी से मीनू बताया। बाद में बीएसए ने अंग्रेजी विषय की किताब का नाम पूछा तो बच्चों ने रेनबो बताया तथा हिन्दी की किताब का नाम पूछने पर कलरव बताया परन्तु कलरव का अर्थ पूछने पर बच्चे चुप हो गये। बीएसए ने प्राथमिक विद्यालय बुढ़नामऊ का भी निरीक्षण किया। इस दौरान विद्यालय के हैन्डपम्प पर ग्रामीण नहाते मिले परन्तु कोई भी शिक्षक या शिक्षामित्र विद्यालय में उपस्थित नहीं मिला।

बीएसए ने प्रधानाध्यापक को शीघ्र ड्रेस वितरण कराने के निर्देश दिये। प्रधानाध्यापक ने बीएसए से अनुरोध किया कि विद्यालय में पंजीकृत 111 छात्रों पर वह अकेले हैं। ऐसी स्थिति में सह समन्वयक विषय एवं जिला समन्वयक को विद्यालय में शैक्षिक सहयोग हेतु भेजा जाना चाहिए। उन्होंने विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति भी बीएसए को दिखाई।

जनपद में एक साथ हुए सघन निरीक्षण अभियान में कई टीमें बनाकर रवाना की गयीं। जिसमें व्यायाम शिक्षक, स्काउट मास्टर, सह समन्वयक, खण्ड शिक्षा अधिकारी, उप बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता परखी।

शैक्षिक गुणवत्ता खराब मिलने पर समस्त सह समन्वयकों का वेतन रोका

सघन निरीक्षण अभियान में जनपद के समस्त परिषदीय विद्यालयों का एक साथ कराये गये निरीक्षण अभियान में शैक्षिक गुणवत्ता की स्थिति खराब पाये जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत प्रसाद पटेल ने जनपद के समस्त सह समन्वयकों का वेतन रोके जाने के आदेश जारी कर दिये हैं। सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए लम्बी फौज तैनात है तथा इन्हें भारी भरकम मासिक वेतन भी मिलता है परन्तु शैक्षिक सुधार के नाम पर तैनात जिला समन्वयक, ब्लाक समन्वयक (खण्ड शिक्षा अधिकारी), प्रत्येक ब्लाक में पांच पांच सह समन्वयक विषय के तैनात होने के साथ _ साथ न्याय पंचायत स्तर पर एक एक समन्वयक तैनात है। इनके द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए विद्यालयों में जाकर शैक्षिक सपोर्ट के लिए माडल तैयार कर पढ़ाने की जिम्मेदारी है। परन्तु यह लम्बी फौज मात्र निरीक्षण के नाम पर तो विद्यालय जाते हैं। गुणवत्ता सुधार के नाम पर हकीकत में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जनपद में एक साथ कराये गये सघन निरीक्षण के दौरान शैक्षिक गुणवत्ता खराब मिलने पर बीएसए ने सह समन्वयकों को जिम्मेदार मानते हुए समस्त एबीआरसी के वेतन पर रोक लगाये जाने के आदेश जारी कर दिये हैं। मजे की बात यह है कि जनपद स्तर पर तैनात पांच जिला समन्वयकों में से एक जिला समन्वयक शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए विशेष तौर पर तैनात है। परन्तु उनके द्वारा इस समय भवन निर्माण कार्य की जिम्मेदारी निभाई जा रही है।