कायमगंज (फर्रुखाबाद) : कहावत है कि “जब सरकार से घी बटे तो कुप्पा की क्या जरूरत” इसी को शायद बैंक कर्मियों ने चरितार्थ करते हुए सरकार द्वारा चलायी जा रही मनरेगा योजना में प्रयोग कर दिया। कायमगंज के मनरेगा मजदूरों ने एसडीएम से शिकायत की कि बैंक में भुगतान लेने के दौरान उनसे बैंककर्मी 20_20 रुपये वसूल रहे हैं। रुपये न देने पर बैंक से भुगतान देने से मना कर दिया गया।
मनरेगा के अन्तर्गत धन का जहां प्रधान, सेक्रेटरी व खण्ड विकास अधिकारी मिलकर जमकर गोलमाल कर रहे हैं वहीं बैंककर्मियों को भी इसमें अपना हिस्सा नजर आने लगा है। आये भी क्यों न तमाम फर्जी एकांउट खुलवाकर, फर्जी मनरेगा कार्ड बनवाकर ग्राम प्रधान गोलमाल जो कर रहे हैं। इसी का फायदा उठाने के लिए बैंक आफ इण्डिया कम्पिल के कर्मियों ने कमर कस ली व 20 रुपये प्रति मनरेगा मजदूर वसूली शुरू कर दी। जब कुछ मनरेगा मजदूरों ने विरोध किया तो उनको भुगतान देने से मना कर दिया। जिस पर मजदूरों ने उपजिलाधिकारी कायमगंज से मजदूरी दिलाये जाने की मांग की है। थाना क्षेत्र कम्पिल के गांव शाहपुर के लगभग आधा दर्जन से अधिक मनरेगा मजदूरों ने उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए कहा है कि वे 06.09.2012 से मनरेगा योजना के तहत गांव शाहपुर व फतेहपुर में सडक निर्माण में मजदूरी कर रहे हैं। उन्होंने जब प्रधान मीरा देवी से मजदूरी मांगी तो उन्होंने यह कहकर कि तुम्हारी मजदूरी तुम्हारे बैंक खाते जो बैंक आफ इण्डिया कम्पिल में खोले गये हैं में भेज दी गयी है। बैंक जाकर अपने खातो से पैसा निकाल लो। जब वे बैंक गये तो बैंक कर्मचारियों ने खाते में धन चढाने और भुगतान करने के लिए उनसे 20-20 रूपये की मांग की। सुविधा शुल्क न देने पर आज तक उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है। वहीं ग्राम प्रधान मीरा देवी के खास लोग जो मनरेगा में काम भी नहीं करते हैं। उनकी मजदूरी का भुगतान बैंक द्वारा कर दिया गया है। ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी राकेश कुमार पटेल से मजदूरी का भुगतान करने के लिए गुहार लगायी है। इस दौरान अमर सिंह, राजपाल, सत्यपाल, नन्हें, अवधेश, दिनेश, सुरेश, रजनेश, हेतराम, बलवीर सिंह आदि लोग मौजूद रहे।