राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के अंतर्गत जल्दी ही यूपी के हर गांव में सोलह वर्ष की आयु तक के बच्चों की सेहत का रिपोर्ट कार्ड बनाने जा रहा है। इसके लिए सूबे के सभी 820 ब्लॉकों पर आयुष डॉक्टरों की भर्ती को मंजूरी दी है। यही डॉक्टर अपने ब्लॉक से जुड़े गांवों में फार्मासिस्ट और एएनएम के साथ जाकर बच्चों की सेहत की जांच करेंगे। बच्चों का वजन, आंख की रोशनी, कद और रक्त की भी जांच की जाएगी। इसका ब्यौरा रिपोर्ट कार्ड पर दर्ज किया जाएगा। इसके बाद जरूरतमंद बच्चों को इलाज के लिए रेफर किया जाएगा।
पहले हर जिले में सोलह वर्ष तक के सभी बच्चों में यह पता लगाया जाएगा कि उन्हें किसी तरह का कुपोषण तो नहीं है। इसके बाद उनकी दूसरी जांचें की जाएंगी। इसके बाद जरूरत होने पर उनका इलाज किया जाएगा। यह सुविधा मुफ्त होगी। इलाज के फॉलोअप के लिए हर बच्चे का हेल्थ कार्ड भी बनेगा। इसके लिए शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, समाज कल्याण विभाग और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की भी मदद ली जाएगी।
पहले चरण में इस स्कीम में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम गांव-गांव, मोहल्ले और स्कूलों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करेंगी। वही बच्चे का हेल्थ माइक्रो प्लान बनाएंगी। इसमें खासतौर पर आयोडीन की कमी, फोलिक एसिड की कमी, वजन, ऊंचाई और नेत्र की जांच होगी। इस सारी रिपोर्ट को तैयार कर बच्चे का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। बाद में रिपोर्ट डॉक्टरों और पैरामेडिकल टीम को भेजी जाएगी।
हर जिले में एक आयुष डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की प्रशिक्षित टीम एंबुलेंस के साथ तैनात होगी। यह टीम बच्चे की गहन जांच करेगी। अगर बच्चे में कोई बीमारी मिलती है तो उसे स्पेशलिस्ट के पास रेफर किया जाएगा। अगर बच्चे को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है तो उसे स्पेशलिस्ट की निगरानी में रखा जाएगा। नहीं तो उसका इलाज समीप के अस्पताल में किया जाएगा।