फर्रुखाबाद: पितर पक्ष के प्रथम दिन रविवार पूर्णिमा को प्रातः घटियाघाट के अलावा जनपद के अन्य घाटों पर स्नानार्थियों की भारी भीड़ मौजूद रही। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर अपने पितरों को जलार्पण किया व उनके आत्मा की शांती की प्रार्थना की। इसके साथ ही लोगों ने श्रद्धा के साथ ब्राम्हणों व कन्याओं को दान दिया।
रविवार से श्राद्ध पक्ष शुरू हो चुका है जिसके चलते हिन्दू रीति के अनुसार लोगों ने अपने मृत बुजुर्गों की आत्मा की शांति के लिए दान पुण्य करना शुरू कर दिया। हिन्दू रीति के अनुसार गंगा स्नान कर पितरों के नाम पर ब्राम्हणों को दान देने से उनकी आत्माओं को शांति मिलती है। जिसके साथ ही उन्हें पुनः मनुश्य योनि भी प्राप्त होती है। अपने पितरों की आत्मा की शांती के लिए मान्यता है कि जितनी पवित्र स्थान व निर्मल मन से दान पुण्य का कर्मकाण्ड किया जाये उतनी ही अधिक शांति की प्राप्ति होती है। यही बजह है कि लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए गया, वाराणसी, इलाहाबाद आदि स्थानों पर श्राद्ध के लिए जाते हैं।
इसी के चलते जनपद के हजारों लोगों ने घटियाघाट तट पर पहुंचकर गंगा में स्नान किया। जिसके बाद लोगों ने अपने पितरों की याद में उन्हें अर्घ दिया व उनकी आत्मा की शांति की कामना के साथ ब्राम्हणों को दान दिया।
हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार पितृपक्ष को कनागत भी कहा जाता है जिसमें लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार दान पुण्य इत्यादि का काम करते हैं। मान्यता है कि कनागत में किये गये दान पुण्य से कई गुना पुण्य लाभ लोगों को मिलता है। जिसके चलते आज से अगले 15 दिनों तक लोग बड़े ही श्रद्धा भाव से ब्राम्हणों व अपने मान पक्ष के रिश्तेदारों को बुलाकर उनको भोजन के साथ ही दान पुण्य करते हैं।