सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को मनाने को कांग्रेस की पहल,बातचीत का रास्ता खुला

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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की नाराजगी को दूर करने की कांग्रेस ने पहल कर दी है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस रहित गठबंधन की पहल कर चुके अखिलेश यादव को मनाने के लिए कांग्रेस ने हाथ बढ़ाया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि नाराजगी कभी बेगानों से नहीं होती है। अपनों से तो अक्सर ही लोग नाराज हो जाते हैं।
राज बब्बर ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के वक्तव्य में उनकी नाराजगी नजर आ रही है। नाराजगी कभी बेगानों से नहीं होती है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का नेतृत्व आपस में बात करके इन चीजों को सुलझा लेगा। अब तो देश के साथ उत्तर प्रदेश की जनता चाह रही है कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ हम सब लोग मिलकर चुनाव लड़ें।
अखिलेश यादव की घुड़की के बाद मध्य प्रदेश के नए मंत्रिमंडल में एसपी-बीएसपी को दरकिनार करने वाली कांग्रेस बैकफुट पर नजर आने लगी है। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने अखिलेश की तरफ नई दोस्ती बढ़ाने का संकेत भी दे दिया है। उनका कहना है कि हम सब पार्टियों के नेतृत्व आपस में बात करके मामले को सुलझा लेंगे।
अखिलेश यादव ने कल मध्य प्रदेश के नए मंत्रिमंडल में समाजवादी पार्टी के इकलौते विधायक को जगह न दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की और कांग्रेस पर तंज कसते हुए संभावित तीसरे मोर्चे का रुख करने का इशारा दिया था। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा व रालोद के संभावित महागठबंधन में कांग्रेस को दरकिनार करने के संकेत के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति अब नई करवट लेनी लगी है।
कांग्रेस से नाराज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाकर संघीय मोर्चा बनाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा था कि वह खुद ही चंद्रशेखर राव से मिलने के लिए हैदराबाद जाएंगे। वहीं मध्य प्रदेश में अपने विधायक को मंत्री नहीं बनाने पर अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने समाजवादियों का रास्ता साफ कर दिया है। अखिलेश ने कहा था कि हम कांग्रेसियों को भी धन्यवाद देते हैं जिन्होंने मध्य प्रदेश में हमारे विधायक को मंत्री नहीं बनाया।
अखिलेश ने कहा था कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस जब बहुमत का आंकड़ा छूने से दो कदम दूर थी तब बसपा और सपा ने उन्हें अपना समर्थन देने की घोषणा की थी। इसके अलावा चार निर्दलीयों ने भी कांग्रेस को समर्थन दिया। इसके बाद भी मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में बसपा व सपा विधायक को शामिल नहीं किया है।
इससे पहले कल लखनऊ में समाजवादी पार्टी के एक कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश का महागठबंधन बिना कांग्रेस के ही होगा। महानगर पार्टी कार्यालय में अखिलेश ने साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश में महागठबंधन में काग्रेंस को जगह नहीं है। उन्होंने कांग्रेस के मध्य प्रदेश में विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल न करने पर नराजगी व्यक्ति की। अखिलेश यादव ने कार्यकर्ता को आह्वान किया कि लोकसभा के लिए तैयार हो जाए। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने रास्ता साफ कर दिया कि उसे किसी की जरूरत नही है। कांग्रेस को बड़ी पार्टी होने का घमंड है। वह सहयोगी को कुछ नही समझती है।