संस्कृत पाठशला के साथ मदरसा आधुनिक करने को लेकर गंभीर योगी सरकार

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लखनऊ:सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार आज अपना तीसरा बजट पेश किया। कैबिनेट की मुहर के बाद विधानमंडल के बजट सत्र के तीसरे दिन आज योगी आदित्यनाथ सरकार ने चार लाख, 79 हजार 701 करोड़, दस लाख रुपया का बजट पेश किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 बजट पेश किया। आज प्रस्तुत बजट का आकार चार लाख, 79 हजार 701 करोड़, दस लाख रुपया(4,79,701.10 करोड़) का है। यह पिछले वर्ष 2018-2019 के बजट के सापेक्ष 12 प्रतिशत अधिक है। इस बार के बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये (21,212.95 करोड़ रुपया) की नई योजनाएं सम्मिलित हैं। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने अपने बजट भाषण में सबसे पहले प्रयागराज कुंभ का जिक्र किया। इसके साथ ही बताया अवस्थापना के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस को शामिल किया गया। पूर्वांचल एक्सप्रेस के लिए 1194 करोड़, बुंदेलखंड एक्प्रेस के लिए 1000 करोड़, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे लिए 1000 करोड़, डिफेंस कॉरिडोर के लिए 500 करोड़, आगरा लखनऊ एक्प्रेस वे छह लेन के लिए 100 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के तहत 758 करोड़ की व्यवस्था की गई है। स्वच्छ ग्रामीण मिशन के तहत 58 हजार 770 ग्राम पंचायत को शौच मुक्त कर दिया है।
बजट में संस्कृति विभाग का भी ध्यान रखा गया है। मथुरा वृंदावन के मध्य ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए 8 करोड़ 38 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है जबकि वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ दिए गए हैं। इसके साथ अल्पसंख्यक कल्याण का भी ध्यान रखा गया है। बजट में अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना के लिए 942 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 459 करोड़ की दिए हैं। बजट में कन्या सुमंगला योजना के तहत 1200 करोड़ पुष्टाहार के लिए, 4004 करोड़ आयुष्यमान भारत योजना के तहत 1298 करोड़ मंजूर किए, प्रधानमंत्री मात्र वंदना योजना के तहत 291 करोड़, आयुष्यमान योजना से वंचित लोगों को मुख्यमंत्री जानारोग्य अभियान के तहत 111 करोड़ का बजट दिया गया।

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित किए हैं। इस बार अयोध्या में प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास के लिए 101 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटक स्थलों की समेकित विकास के लिए 27 करोड़ की व्यवस्थ की गई है। पर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन के लिए 70 करोड़ रुपए और प्रो-पुआर टूरिस्ट के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में लहर तारा तालाब कबीर स्थल एवं गुरु रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धनपुर का सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित किया गया है। प्रयागराज में ऋषि भरद्वाज आश्रम का विकास किया जाना और लखनऊ में बिजली पासी किले का विकास किया जाना प्रस्तावित।
कानून-व्यवस्था
प्रदेश के 36 नये थाना का निमार्ण के साथ पुलिसकर्मियों एवं पीएसी की प्रशिक्षण क्षमता में विस्तार तथा पुलिसकर्मियों के लिए बैरक निर्माण को 700 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– पुलिस विभाग में टाइप-ए व बी के आवासीय भवनों के निर्माण को 700 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– प्रदेश में नवसृजित जनपद में साथ पुलिस लाइन के निर्माण को 400 करोड़ रुपया का प्रावधन।
– प्रदेश में 57 फायर स्टेशन के साथ आवासीय तथा अनावासीय भवन के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपया का प्रावधान।
– पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 204 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास
– सरकारी क्षेत्र की बंद बड़ी चीनी मिलों के पुनर्संचालन के लिए 50 करोड़ रुपया की की व्यवस्था।
-सहकारी क्षेत्र की बंद चीनी मिलों को पीपीपी पद्धति से पुनर्संचालित करने के लिए 25 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
कृषि एवं सहकारिता
-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 892 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
-नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस प्रोग्राम के लिए 450 करोड़ रुपया का प्रावधन।
-उवर्रकों के पूर्व भण्डारण योजना के लिए 150 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
-1840 रुपय प्रति कुन्तल की दर से 6000 क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं क्रय किया जाना प्रस्तावित।
-60.51 लाख कुन्तल बीज वितरण का लक्ष्य।
-77.26 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य।
-कृषि विपणन भण्डारण व्यवस्था सुदृढ़ करने को 40 मंडी स्थल में पांच हजार मीट्रिक टन के भण्डार गृह राज्य भण्डारण निगम की पार्टनरशिप में निर्मित कराने का कार्य आरम्भ।
-प्रदेश के ग्रामीण अंचल में लग रहे 500 हाट-पैठ का विकास 150 करोड़ रुपया की लागत से मण्डी परिषद से कराने का निर्णय।
पशु पालन एवं दुग्ध विकास
प्रदेश में गौ वंश संवद्र्धन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पशु पालन एवं दुग्ध विकास के साथ अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। प्रदेश में मदिरा की बिक्री पर विशेष फीस अधिरोपित की गई है जिससे प्राप्त होने वाले अनुमानित राजस्व 165 करोड़ रुपया का उपयोग प्रदेश के निराश्रित एवं बेसहारा गौ वंश के भरण-पोषण पर किया जाएगा।
-ग्रामीण क्षेत्र में गौ वंश के रख रखाव एवं गौ शाला निर्माण के लिए 247.60 करोड़ रुपया।
-शहरी क्षेत्र में कान्हा गौ शाला के साथ बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 200 करोड़ रुपया का प्रावधान।
-पंडित दीनदयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना के संचालन के लिए 64 करोड़ रुपया की व्यवस्था। जिसके अंतर्गत दस हजार इकाइयों की स्थापना किया जाना प्रस्तावित।
-मथुरा में नई डेयरी की स्थापना के लिए 56 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था।
-उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति, 2018 के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रम के लिए पांच 5 करोड़ की व्यवस्था।
-दुग्ध संघों तथा समितियों का सुदृढ़ीकरण, पुनर्गठन व विस्तारीकरण, कृषक प्रशिक्षण, तकनीकी निवेश, पशु प्रजनन व स्वास्थ्य -कार्यक्रम योजना के लिए 93 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
मत्स्य
– मत्स्य पालक फण्ड के लिए 25 करोड़ रुपया।
-मत्स्य पालक विकास अभिकरण को वित्तीय सहायता के लिए आठ करोड़ 82 लाख प्रस्तावित।
ग्राम्य विकास
– प्रधानमंत्री आवास योजना -ग्रामीण के लिए 6,240 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के क्रियान्वयन के लिए 3,488 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
– बुंदेलखंड, विन्ध्य व गुणवत्ता प्रभावित गांवों में पाइप पेयजल योजना के लिए 3,000 करोड़ रुपया की योजना प्रस्तावित।
– राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए 2,954 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 1,393 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए 429 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूरल व अर्बन मिशन के लिए 224 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत 1008 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था तथा विकास कार्य के लिए 201 करोड़ 60 लाख रुपया की व्यवस्था जीएसटी के भुगतान के लिए प्रस्तावित।
पंचायती राज
-स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के लिए 6,000 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
-प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में अन्तयेष्टि स्थल के विकास के लिए सौ करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
-प्रदेश की ग्राम पंचायतों में 750 पंचायत भवन के निर्माण के लिए 14 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
-कांजी हाउस की स्थापना व पुनर्निमाण के लिए 20 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
-ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेल एवं रचनात्मक कार्य के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए युवक मंगल दल योजना के लिए 25 करोड़ की व्यवस्था।
लघु सिंचाई
– नि:शुल्क बोरिंग योजना के लिए 55 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– मध्यम गहरे नलकूप योजना के अंतर्गत 70 करोड़ की योजना व्यवस्था प्रस्तावित।
– प्रदेश के पठारी क्षेत्र में सिंचाई के लिए सामुदायिक ब्लास्ट कूप के निर्माण तथा जीर्णोद्धार के लिए 20 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास
-एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए कुल 3194 करोड़ रूपय की व्यवस्था।
-पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 1194 करोड़ रुपया।
-बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 1000 करोड़ रुपया, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 1,000 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
-बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस कॉरिडोर विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था।
-आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे प्रवेश नियंत्रित छह लेन (ग्रीन फील्ड) परियोजना के सुदृढ़ीकरण के लिए 100 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
-अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति, 2012 के क्रियान्वयन को 600 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
-नई औद्योगिक नीति’औद्योगिक नीति और औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017″ के लिए 482 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
-औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना, 2003 के लिए 120 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना 2012 के लिए 180 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग
-एक जनपद एक उत्पाद योजना के लिए 250 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
-प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए सौ करोड़ रुपया के बजट व्यवस्था।
– प्रदेश के परंपरागत कारीगरों तथा बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, नाई, मोची व राजमिस्त्री के उत्थान के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रारम्भ की गई है। 30 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग प्रोत्साहन नीति-2017 के क्रियान्वयन के लिए दस करोड़ रुपया बजट की व्यवस्था।

हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग
-पॉवरलूम व बुनकरों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 150 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था।
– उत्तर प्रदेश हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स एण्ड गारमेन्टिग पॉलिसी, 2017 के लिए 50 करोड़ रुपया के बजट की व्यवस्था।
खादी एवं ग्रामोद्योग
– मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के लिए पांच करोड़ रुपया की व्यवस्था।
-प्रदेश में मिट्टी का कार्य करने वाले शिल्पियों के परंपरागत व्यवसाय को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं सवंद्धित करने के लिए उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड का गठन किया गया है। माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम संचालन के लिए दस करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
– आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन योजना के लिए 1,298 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
-प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 291 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रा टेक्शन मिशन योजना की सुविधा से वंचित पात्र लाभार्थियों को राज्य सरकार के अपने संसाधनों से मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान से आच्छादित करने के लिए 111 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– प्रदेश के जनपदों में 100 शैयायुक्त चिकित्सालयों की स्थापना के लिए 47 करोड़ 50 लाख की व्यवस्था।
चिकित्सा शिक्षा
– प्रदेश के चिन्हित जिलों में चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलजों में उच्चीकृत करने की योजना के लिए 908 करोड़ रुपया का बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के विभिन्न कार्य के लिए 907 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था।
– जनपद बलरामपुर में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के सेटेलाइट सेण्टर की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
संजय गांधी पीजीआइ, लखनऊ में विभिन्न कार्य के लिए 854 करोड़ रुपया बजट व्यवस्था।
– डॉ. राममनोहर लोहिया संस्थान के विभिन्न कार्य के लिए 396 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान, सैफई के लिए 357 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– कैंसर सस्थान, लखनऊ के विस्तार एवं विकास ते लिए 248 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
माननीय अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– प्रदेश में एक आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए दस करोड़ रुपया की व्यवस्था।
नागरिक उड्डयन
– प्रदेश में हवाई पट्टियों के निर्माण, विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण के लिए एक हजार करोड़ रुपया का बजट प्रस्तावित।
– जेवर एयरपोर्ट की भूमि अधिग्रहण के लिए 800 करोड़ रुपा की व्यवस्था प्रस्तावित।
– अयोध्या में एयरपोर्ट के लिए दो सौ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– उत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति, 2017 तथा रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अन्तर्गत वायुसेवा के लिए 150 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था।
वन एवं पर्यावरण
– मनरेगा वित्त पोषित वृक्षारोपण की तीन नई योजना ‘मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना, मुख्यमंत्री फलोद्यान एवं कृषक वृक्ष धन योजना।
– उत्तर प्रदेश प्रतिकारात्मक वनरोपण निधि प्रबंध योजना के क्रियान्वयन के लिए दो सौ करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
– 22 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य।
राजस्व
– वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश के विभिन्न मंडल, जनपद व तहसील के अनावासीय तथा आवासीय भवन के चालू निर्माण कार्य, नवनिर्माण तथा भूमि क्रय एवं भवनों के रख-रखाव के लिए 237.95 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– आपदा मोचन निधि में 1820 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के लिए 845 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
लोक निर्माण
– 2019-20 में लोक निर्माण विभाग के अधीन सड़क निर्माण के लिए 13,135 करोड़ रुपया की व्यवस्था व सड़क के अनुरक्षण के लिए 3,522 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
-पुलों के निर्माण एवं रख-रखाव के लिए 2,100 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित
-ग्रामों तथा बसावटों को पक्के सम्पर्क मार्ग से जोडऩे के लिए विभिन्न योजना के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में कुल 850 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– अंतरराज्यीय य अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मार्ग, अन्य महत्वपूर्ण मार्ग के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए 1,174 करोड़ रुपया के बजट की व्यवस्था प्रस्तावित।
– केंद्रीय मार्ग निधि योजना 2,010 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– विश्व बैंक की सहायता से प्रस्तावित उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क परियोजना के अन्तर्गत मार्ग निर्माण कार्य के लिए 350 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– एशियन डेवलपमेंट बैंक की सहायता से प्रस्तावित उत्तर प्रदेश मुख्य जिला विकास परियोजना के अन्तर्गत मार्ग निर्माण के लिए 614 करोड़ रुपया बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– नाबार्ड वित्त पोषित आरआईडीएफ या जना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मार्ग के नवनिर्माण, चौड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण के साथ सेतुओं के निर्माण के लिए 702 करोड़ रुपया के बजट की व्यवस्था।
– विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल विशेष योजना के लिए 300 करोड़ रुपया तथा बुंदेलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिए दो सौ करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
सिंचाई
– मध्य गंगा नहर या जना-द्वितीय चरण के लिए 1,727 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के कार्य के लिए 1812.56 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– अर्जन सहायक परियोजना के लिए 953 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– सरयू नहर परियोजना फेज-3 समादेश क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम के लिए 500 करोड़ रुपया तथा अर्जन नहर परियोजना समादेश, क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम के लिए सौ करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
– बाढ़ नियंत्रण व जल निकासी परियोजना के लिए 1100.61 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– कनहर सिंचाई परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
– बाणसागर परियोजना के लिए 122 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
आवास एवं शहरी नियोजन
– अवस्थापना सुविधाओं के विकास संबंधी काम के लिए तीन सौ करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– कानपुर, मेट्रो रेल परियोजना तथा आगरा मेट्रा रेल परियोजना के लिए 175-175 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर प्रयागराज के साथ झांसी में मेट्रो रेल परियोजना के लिए 150 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरीडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना के लिए 400 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
नगर विकास
– प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के लिए 5,156 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– अमृत योजना के लिए 2,200 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– स्मार्ट सिटी मिशन परियोजना के लिए 2,000 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– स्वच्छ भारत मिशन-शहरी योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना के लिए 426 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना के लिए 200 करोड़ रुपया के बजट की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
नियोजन
– बुंदेलखण्ड की विशेष योजना के लिए 810 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– त्वरित आर्थिक विकास योजना के लिए एक हजार करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
बेसिक शिक्षा
– समग्र शिक्षा अभियान के लिए 18,485 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
मध्याह्न भोजन कार्यक्रम (मिड डे मील) के लिए 2,275 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था।
– प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में अवस्थापना सुविधा के लिए 500 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क एक जोड़ी जूता, दो जोड़ी मोजा, तथा एक स्वेटर उपलब्ध कराने को 300 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण के लिए 40 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था।
– वनटांगिया ग्रामों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए पांच करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– स्कूल बैग वितरण के लिए 110 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
माध्यमिक शिक्षा
– सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिए 26 करोड़ 57 लाख रुपया की व्यवस्था।
– राजकीय इण्टर कॉलेजों (बालक तथा बालिका) की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– संस्कृत की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संस्कृत पाठशाला को सहायक अनुदान उपलब्ध कराय के लिए 242 करोड़ रुपया की व्यवस्था तथा सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालय को अनुदान के लिए करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
उच्च शिक्षा
– समस्त कॉलेज व विश्वविद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा योजना के लिए 50 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्य के लिए 160 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में गुरूश्री गोरक्षनाथ शोध पीठ की अवस्थापना मदों के लिए 63 लाख रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में अटल सुशासन पीठ की स्थापना के लिए दो करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– माननीय अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में डीएवी कॉलेज, कानपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना के लिए पांच करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– सहारनपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए दस करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– संस्कृत की उच्च शिक्षा के लिए काशी विद्यापीठ को अनुदान के लिए 21 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए 21 करोड़ 51 लाख रुपया की व्यवस्था।
प्राविधिक शिक्षा
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ की स्थापना पीपीपी मॉडल के अन्तर्गत की जा रही है। इसके लिए दस करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– जनपद मिर्जापुर एवं प्रतापगढ़ में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना के लिए क्रमश: आठ करोड़ एवं चार करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के सुदृढ़ीकरण एवं विकास के लिए 11 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
महिला एवं बाल कल्याण
– बालिकाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के स्तर में वृद्धि करने तथा उनके भविष्य को उज्जवल बनाने व महिलाओं के प्रति सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाने एवं उनके प्रति सम्मान भाव जागृत करने के उद्देश्य से कन्या सुमंगला योजना लाई जा रही है। इसके लिए 1200 करोड़ रुपया बजट में प्रस्तावित।
– पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए 4,004 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– निराश्रित विधवा के भरण-पोषण तथा उनके बच्चों की शिक्षा अनुदान की मद में 1,410 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था।
– आगंनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिका के मानदेय के भुगतान के लिए 1,988 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
– नेशनल न्यूट्रिशन मिशन के लिए 335 करोड़ रुपया तथा शबरी संकल्प अभियान अभियान के लिए 200 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था।
– किशोरी बालिका योजना के लिए 156 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– महिला सम्मान कोष के लिए 103 करोड़ 70 लाख रुपया की व्यवस्था।
समाज कल्याण
– विभिन्न वर्ग के निर्धन छात्र-छात्रा की छात्रवृत्ति योजना के लिए 4,433 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। इसमें अनुसूचित जाति के छात्र-छात्रा के लिए 2037 करोड़, पिछड़ा वर्ग के लिए 1516, सामान्य वर्ग के लिए 850 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 30 करोड़ रुपया की व्यवस्था सम्मिलित।
– वृृद्धावस्था तथा किसान पेंशन योजना के अंतर्गत 2,579 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– उत्तर प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार की पुत्रियों के विवाह के लिए सभी वर्ग के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 250 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
-राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत 500 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
पिछड़ा वर्ग कल्याण
शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के अंतर्गत बजट में 600 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
अल्पसंख्यक कल्याण
अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्रा को छात्रवृत्ति योजना के लिए 942 करोड़ रुपया की योजना प्रस्तावित।
अरबी-फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 459 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
दिव्यांगजन कल्याण
– दिव्यागों के भरण-पोषण अनुदान के लिए 621 करोड़ रुपया की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– कुष्ठावस्था विकलांग भरण-पोषण अनुदान के लिए 30 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– मानसिक मंदित आश्रय गृह। तीन के सुदृढ़ीकरण तथा सात की स्थापना के लिए 18 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
धर्मार्थ कार्य
-श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी के विस्तारीकरण योजना के क्रियान्वयन के लिए श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद का गठन किया गया है । गंगा तट से विश्वनाथ मंदिर तक मार्ग के विस्तारीकरण व सौन्दर्यीकरण के लिए 207 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।।
-काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए 16 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
संस्कृति
– मथुरा-वृंदावन में ऑडिटोरियम के निर्मार के लिए आठ करोड़ 38 लाख रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चहारदीवारी निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
– वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
पर्यटन
-उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ में अवस्थापना सुविधा के लिए 125 करोड़ रुपया की की व्यवस्था प्रस्तावित।
-अयोध्या के प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास के लिए 101 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
-गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटन स्थल के विकास के लिए 27 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
-पर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन के लिए 70 करोड़ रुपया तथा प्रो-पुअर टूरिज्म के लिए 50 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
– प्रयागराज में ऋषि भारद्वाज आश्रम एवं श्रृंगवेरपुर धाम, विन्ध्याचल के साथ नैमिषारण्य का विकास, बौद्ध परिपथ में सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कपिलवस्तु, कौशांबी व संकिसा का विकास, शाकुम्भरी देवी व शुक्रताल का विकास, राजापुर चित्रकूट में तुलसीपीठ का विकास, बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्थल एवं चित्तौरा झील का विकास तथा लखनऊ में महाराजा बिजली पासी किले का विकास किया जाना प्रस्तावित है।
न्याय
– प्रदेश के नवसृजित जनपद एवं न्यायालयों में आवासीय एवं अनावासीय भवन के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 1,075 करोड़ रुपया की व्यवस्था।
हाईकोर्ट इलाहाबाद में मल्टीलेवेल पार्किंग एवं एडवोकेट चैम्बर के निर्माण के लिए 150 करोड़ की व्यवस्था।
वाणिज्यिक विवादों के शीघ्र निस्तारण के लिए कामर्शियल कोर्ट के संचालन के लिए दस करोड़ 86 लाख रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
राजकोषीय सेवाएं
– राज्य वस्तु एवं सेवा कर तथा मूल्य संवद्र्धित कर
– राज्य वस्तु एवं सेवा कर तथा मूल्य संवद्र्धित कर से राजस्व प्राप्ति का अनुमान 77 हजार 640 करोड़ रुपया निर्धारित।
आबकारी शुल्क
– आबकारी शुल्क से राजस्व प्राप्ति का अनुमान 31 हजार 517 करोड़ 41 लाख रुपय।
स्टाम्प एवं पंजीकरण
– स्टाम्प एवं पंजीकरण से 19 हजार 179 करोड़ रुपया की प्राप्ति अनुमानित।
वाहन कर
– वाहन कर से सात हजार 863 करोड़ रुपया की प्राप्ति अनुमानित।
प्राप्तियां
– वर्ष 2019-2020 में 04 लाख 70 हजार 684 करोड़ 48 लाख रुपया (4,70,684.48 करोड़ रुपया) की कुल प्राप्तियां अनुमानित।
कुल प्राप्तियों में तीन लाख 91 हजार 734 करोड़ 40 लाख रुपया (3,91,734.40 करोड़ रुपया) की राजस्व प्राप्तियां तथा 78 हजार 950 करोड़ आठ लाख रुपया (78,950.08 करोड़ रुपया ) की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 02 लाख 93 हजार 39 करोड़ 17 लाख रुपया (2,93,039.17 करोड़ रुपया) है। इसमें स्वयं का कर राजस्व एक लाख 40 हजार 176 करोड़ रुपया (1,40,176 करोड़ रुपया) तथा केंद्रीय करों में राज्य का अंश 01 लाख 52 हजार 863 करा ड़ 17 लाख रुपय (1,52,863.17 करोड़ रुपया ) सम्मिलित है ।
व्यय
कुल व्यय 04 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपय (4,79,701.10 करोड़ रुपय ) अनुमानित।
कुल व्यय में 03 लाख 63 हजार 957 करोड़ चार लाख रुपया (3,63,957.04 करोड़ रुपया ) राजस्व लेखे का व्यय है तथा 01 लाख 15 हजार 744 करोड़ 06 लाख रुपया (1,15,744.06 करोड़ रुपया) पूंजी का लेख व्यय है।
राजस्व बचत
वर्ष 2019-2020 में 27 हजार 777 36 लाख रुपया (27,777.36 करोड़ रुपया ) की राजस्व बचत अनुमानित है।
राजकोषीय घाटा
वित्तीय वर्ष 2019-2020 में 46 हजार 910 करोड़ 62 लाख रुपया (46,910.62 करोड़ रुपया) का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो वर्ष 2019-220 के लिए अनुमानित सकल राज्य घरेल उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है।
राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 29.98 प्रतिशत अनुमानित ।
समेकित निधि
समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात 09 हजार 16 करोड़ 62 लाख रुपया (9,016.62 करोड़ रुपया) का घाटा अनुमानित।
लोक लेखा
लोक लेखा से नौ हजार 500 करोड़ (9,500 करोड़ रुपया) की शुद्ध प्राप्तियां अनुमानित।
समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम
वर्ष 2019-2020 में समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 483करोड़ 38 लाख रुपया (483.38 करोड़ रुपया) अनुमानित।
अंतिम शेष
वर्ष 2019-2020 में प्रारंभिक शेष आठ हजार 225 करोड़ 47 लाख रुपया (8,225.47 करोड़ रुपया) को हिसाब में लेते हुए अंतिम शेष आठ हजार 708 करोड़ 85 लाख रुपया (8,708.85 करोड़ रुपया) का होना अनुमानित।
विधानमंडल में बजट पेश करने से पहले मंत्रिमंडल ने सीएम योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर कैबिनेट बैठक में बजट के मसौदे को मंजूरी दी गई। बुंदेलखंड क्षेत्र में खरीफ आच्छादन में वृद्धि के लिए विभिन्न फसलों की उन्नतशील प्रमाणित एवं संकर प्रजातियों के बीजों पर विशेष अनुदान के प्रस्ताव को मंजूरी दी।