वसूली कांड में एसपी बाराबंकी निलंबित

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लखनऊ:बाराबंकी में ट्रेडिंग कंपनी के अधिकारियों से 65 लाख रुपये की वसूली कांड में गुरुवार को आखिरकार एसपी बाराबंकी डॉ. सतीश कुमार को निलंबित कर दिया गया। चुनाव आयोग की अनुमति मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई। 2013 बैच के आइपीएस अधिकारी डॉ. सतीश कुमार को डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। वसूली कांड में डॉ. सतीश की संलिप्तता की विस्तृत जांच के निर्देश भी दिए गए हैं।
बाराबंकी पुलिस की साइबर सेल प्रभारी दारोगा अनूप कुमार यादव पर विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के पदाधिकारियों से 65 लाख रुपये वसूलने का आरोप है। डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश पर प्रकरण की गोपनीय जांच में पुष्टि के बाद आरोपित दारोगा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। प्रकरण में एसपी बाराबंकी की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। एसटीएफ की गोपनीय जांच में सामने आया कि आठ जनवरी को दारोगा अनूप यादव ने कंपनी के कार्यालय जाकर संचालकों से कहा था कि वे अपने संबंधित दस्तावेज लेकर एसपी बाराबंकी के दफ्तर पहुंचे और कामकाज के बारे में बताएं। इसी क्रम में कंपनी संचालक क्राइम ब्रांच आफिस और फिर एसपी आफिस गए थे।
गृह विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि एसपी आफिस में कंपनी संचालक और कर्मचारी एसपी डॉ. सतीश कुमार से मिले थे और उन्हें कंपनी के बारे में जानकारी दी थी। डॉ. सतीश कुमार ने कंपनी संचालक से कहा था कि ‘आप जाइए और जब विवेचना के लिए बुलाया जाएगा तो सहयोग करिएगा’। जब कंपनी संचालक लौटने लगे तो दारोगा अनूप यादव ने कहा कि आप लोग गिरफ्तार हो गए हैं। कहा गया कि 60 लाख रुपये दो नहीं तो कंपनी और माल सीज हो जाएगा।
कर्मचारी को छोड़कर मंगाए थे 60 लाख
10 जनवरी को दारोगा अनूप यादव ने कर्मचारी राजू को छोड़ा और रकम का बंदोबस्त करने के लिए कहा। उसी दिन रात में राजू ने 60 लाख रुपये दारोगा अनूप यादव को दिए थे। एसटीएफ के एएसपी की अध्यक्षता में गठित जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि होने पर रिपोर्ट डीजीपी को सौंपी थी। हालांकि पुलिस के मुताबिक उक्त मामला 65 लाख रुपये का है।
एसपी की संलिप्तता से इन्कार नहीं
डीजीपी द्वारा एक अप्रैल को शासन को दी गई आख्या में कहा गया था कि एसटीएफ की रिपोर्ट पढ़ने पर यह पाया गया कि संपूर्ण प्रकरण में एसपी बाराबंकी डॉ. सतीश कुमार की संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता, जिसकी गहन जांच की जरूरत है। इसी आधार पर डॉ. सतीश कुमार को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
यह था मामला
बाराबंकी के हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र निवासी सावले शर्मा ने विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के पदाधिकारी मूलरूप से कोलकता निवासी कंपनी संचालक प्रेसनजी सरदार, शंकर गायन व धीरज श्रीवास्तव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शंकर का आरोप है कि उन्हें व उनके साथियों को फर्जी मामले में साक्ष्यों के बगैर 11 जनवरी को जेल भेज दिया गया था। यही नहीं लखनऊ स्थित उनका ऑफिस भी सील कर दिया गया था। जमानत पर छूटने के बाद आरोपितों ने डीजीपी को पूरे मामले की जानकारी दी और दारोगा अनूप यादव पर 65 लाख रुपये वसूलने का आरोप लगाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी ने प्रकरण की गोपनीय जांच कराई थी।