पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मौत

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नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि  रोहित शेखर तिवारी की दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी स्थित घर में मौत हो गई।
ज्वाइंट कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव के मुताबिक, शेखर के नाक से खून निकल रहा था। घर पर मौजूद नौकरों ने शेखर की मां को फोन किया जो उस वक्त अस्पताल में चेक अप करवाने गई थी, शेखर की मां अस्पताल से डिफेंस कॉलोनी स्थित अपने घर पहुंची और एम्बुलेंस से मैक्स अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने शेखर को मृत घोषित कर दिया। रोहित शेखर के डिफेंस कॉलोनी स्थित घर को फिलहाल पुलिस ने कब्जे में लिया हुआ है। फिलहाल पुलिस रोहित के घर अंदर मौजूद है और छानबीन जारी है।
शाम चार बजे परिजनों को चला पता
बताया जा रहा है कि परिजनों ने मंगलवार शाम को 4 बजे रोहित शेखर तिवारी को उनके कमरे में जगाने की कोशिश की। उन्होंने देखा कि उनका हाथ और पैर ठंडा पड़ा हुआ है। इसके बाद उन्हें मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया। रोहित को पत्नी और मां ने अस्पताल में भर्ती करवाया था। मौत किस वजह से हुई अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है
मैक्स हॉस्पिटल की तरफ से बताया गया कि रोहित शेखर तिवारी के घर से मंगलवार शाम 4.41 बजे इमरजेंसी फोन आया था। जांच में देखा गया कि रोहित मृत अवस्था में थे। इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। वहीं, साउथ दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार का कहना है कि रोहित शेखर तिवारी को मृत अवस्था में मैक्स हॉस्पिटल लाया गया था। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद एनडी तिवारी ने माना था बेटा
रोहित शेखर ने एनडी तिवारी को अपना पिता साबित करने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। इसके लिए डीएनए टेस्ट भी कराया गया था, तब जाकर तिवारी ने रोहित को अपना बेटा माना था। लंबी लड़ाई से थकने के बाद 90 साल की उम्र में एनडी तिवारी ने सार्वजनिक रूप से मान लिया था कि रोहित शेखर उनके बेटे हैं। इसके बाद उन्होंने बेटे रोहित को अपनी राजनीतिक विरासत सौंप दी थी।रोहित शेखर साल 2017 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए थे। वे दिल्ली में अपनी मां उज्ज्वला और पत्नी अपूर्वा शुक्ला के साथ रहते थे। साल 2018 में रोहित की शादी इंदौर निवासी अपूर्वा शुक्ला से हुई थी।
राजनीति में एनडी तिवारी का बड़ा कद था
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का राजनीतिक कद इसी से लगाया जा सकता है कि वे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। वे यूपी के चार बार मुख्यमंत्री रहे। 21 जनवरी 1976 को एनडी तिवारी पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। साल 1988 में चौथी बार उन्होंने सीएम पद की शपथ ली। 2002 में उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2007 में एनडी तिवारी को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया।