जिले की शांति को सम्प्रदायिकता की आग में धकेलने का हुआ प्रयास!

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:भाजपा नेता राजू गुप्ता व ईशान के मामले को रात भर साम्प्रदायिक तूल देनें का प्रयास किया गया| लेकिन फ़िलहाल उसमे सफलता नही मिल पायी है| दरअसल राजू गुप्ता व ईशान के बीच खूनी रंजिश आज की नही है| यह रंजिश लगभग 9 साल पुरानी है| दोनों पक्षों में इससे पूर्व भी कई बार खूनी संघर्ष हुआ| दोनों एक ही मोहल्ले के होनें के कारण अक्सर विवाद हो जाता है| आप को बताना जरुरी है कि यह रंजिश लगभग वर्ष 2011 से चल रही है| 3 मई 2011 को दुकान को ईशान व राजू गुप्ता के बीच जमकर विवाद हुआ था|विवाद के दौरान राजू ने मारपीट कर फायरिंग करने के आरोप में ईशान सहित चार लोगों के खिलाफ जान लेना हमले आदि में मुकदमा दर्ज कराया था| यही से मुख्य रूप से खूनी रंजिश ने जन्म लिया|एक दूसरे के खिलाफ स्वाभिमान की लड़ाई यही से शुरू हुई| 14 सितम्बर 2017 को भी ईशान के खिलाफ राजू ने एक और मुकदमा दर्ज कराया था| जिसको लेकर आपसी रंजिश और बढ़ गयी|बीते 4 नवम्बर 2017 को पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल की लाल दरबाजे स्थित माँ रसोई के बाहर राजू गुप्ता व उनके पुत्र ने ईशान को पकड़ कर जमकर पीट दिया था| राजू का आरोप था की उसके खिलाफ मुकदमा है और पुलिस उसे गिरफ्तार नही कर रही थी इस लिए उसे पकड़ा तो ईशान के साथ राजू का उस दिन भी जमकर खूनी संघर्ष हुआ था| बीती रात एक बार फिर से दोनों के जख्म ताजा हो गये| जुलूस के दौरान पटाखा ईशान का मित्र रेटगंज निवासी गोविन्द पुत्र मुन्नू सक्सेना  चला रहा था| साथी की पिटाई होते देख ईशान उसकी मदद में आ गया तो राजू और ईशान के पुराने जख्म फिर से हरे हो गये और गोविन्द को छोड़ राजू और ईशान में महाभारत हो गयी| बीच सडक पर लाठी डंडे चले और एक दूसरे को खून से लाल किया गया|इसके बाद भी दोनों पक्षों से सांप्रदायिक तूल देनें का प्रयास किया गया|