गजब: बेटी घर से विदा हुई और मृत घोषित पिता हो गए जिंदा

FARRUKHABAD NEWS सामाजिक

रामपुर :उत्तर प्रदेश का रामपुर एक बार फिर से चर्चा में है। अभी तक राजनीतिक सरगर्मी के कारण चर्चा में रहे रामपुर में कल एक विवाह समारोह के बाद की घटना हैरतअंगेज करने वाली है।
मसवासी कस्बा में बेटी की विदाई से पहले अचानक पिता भागमल की सांसें थम गईं। परिवार में कोहराम मच गया। इसके बाद बेटी को तो बिना कुछ बताए विदा कर दिया, लेकिन शाम को जब भागमल के अंतिम संस्कार की तैयारी की जाने लगी तो अचानक खड़े हो उठे। उन्हें फिर से अपने बीच देख परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
रामपुर में यह घटना स्वार तहसील के मसवासी क्षेत्र के मिलक नौखरीद गांव में हुई । 50 वर्षीय भागमल सिंह की बेटी राधिका का मंगलवार को विवाह था। बरात स्वार कोतवाली क्षेत्र के गांव छपर्रा से आई थी। बरात का स्वागत हुआ और नाश्ते के बाद घुड़चढ़ी हुई। इसके बाद विवाह की रस्म आगे बढ़ी। इसी बीच अचानक भागमल सिंह की तबीयत बिगड़ गई और देखते ही देखते धड़कन थम गई। वहां पर अचानक हुए घटनाक्रम से खुशियां काफूर हो गईं। लोग उन्हें आनन-फानन गांव के डॉक्टर के पास ले गए ।
उसने नब्ज पर हाथ रखा और मृत घोषित कर दिया। इससे घर में कोहराम मच गया। परिजनों व रिश्तेदारों ने माहौल भांपते हुए बेटी को चुपचाप विदा कर दिया। उसको इसकी जानकारी भी नहीं दी। बेटी की विदाई के बाद घर में चीख-पुकार मच गई, जो मेहमान थोड़ी देर पहले बरात के स्वागत की तैयारियां कर रहे थे, वही अब अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गए। अचानक भागमल सिंह के शरीर में हरकत होने लगी और वह उठकर बैठ गए। उन्हें जीवित देख परिवार में तो जैसे फिर से खुशियां लौट आईं।
परिवार के लोग उनको लेकर तुरंत काशीपुर (उत्तराखंड) पहुंचे और अस्पताल में भर्ती कराया। बेटी की शादी के दिन मरकर जीवित होने का यह मामला कल दिन भर चर्चा का विषय बना रहा। काशीपुर अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें दिल का दौरा पड़ना बताया।
थकान व मानसिक तनाव बना कारण
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. विशेष अग्रवाल ने बताया कि इस तरह मरकर कोई जीवित नहीं होता है। ऐसा हो सकता है कि बेटी की शादी की तैयारियों की वजह से पिता कई दिन से थके होंगे। मानसिक तनाव भी रहा होगा। उन्हें आराम करने का समय नहीं मिला। यही थकान और तनाव उनके शरीर पर हावी हो गया। इससे वह बेहोश हो गए और उनका शरीर अवचेतना में चला गया होगा। कुछ देर बाद चेतना आ गई होगी।