कल्याण की टिप्पणी पर अब चुनाव आयोग लेगा फैसला

FARRUKHABAD NEWS Politics Politics-BJP राष्ट्रीय

अलीगढ़:पिछले दिनों राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने मैरिस रोड स्थित अपने आवास ‘राज पैलेस पर मीडिया के सामने भाजपाइयों के लिए नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने वाले दिए गए बयान पर अब चुनाव आयोग अंतिम फैसला लेगा। जिला प्रशासन ने बुधवार रात को ही इसकी विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट के साथ बयान का वीडियो व अखबारों में प्रकाशित खबरों की कटिंग भी लगाई गई है।
क्या था मामला
भाजपा ने 21 मार्च को सांसद सतीश गौतम को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया था। कुछ लोग भाजपा के इस फैसले का विरोध कर रहे थे। उसी दौरान राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह भी अलीगढ़ भ्रमण पर आए थे। सतीश को टिकट दिए जाने का विरोध करते हुए कुछ लोग कल्याण सिंह के आवास पर पहुंच गए। सतीश गौतम के खिलाफ नारेबाजी की। उस दिन तो कल्याण सिंह ने कोई बयान नहीं दिया। अगले दिन फिर लोग सतीश का विरोध करने पहुंचे तो कल्याण सिंह ने मीडिया के सामने उन्हें समझाते हुए कहा कि हाईकमान के फैसले का स्वागत करें। हमें फिर से प्रधानमंत्री मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है। मीडिया में मामला छा गया। निर्वाचन आयोग ने इस पर संज्ञान लेकर डीएम को फोन कर रिपोर्ट मांगी।
यह है डीएम की रिपोर्ट
डीएम ने बुधवार रात को ही इसकी रिपोर्ट आयोग को भेज दी है। इसमें उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह होली पर अलीगढ़ भ्रमण पर आए हुए थे। 23 मार्च को कार्यकर्ताओं व मीडिया कर्मियों के के सामने उन्होंने नरेंद्र मोदी को दोबारा पीएम बनाने का बयान दिया था। किसी सांविधानिक पद पर इस तरह का बयान देना उचित नहीं है। हालांकि इस दौरान वह निजी घर राज पैलेस पर रुके हुए थे। इस दौरे पर वह किसी सरकारी कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि आयोग को रिपोर्ट भेज दी गई है। अंतिम फैसला वहीं से होगा।

आचार संहिता उल्लंघन पर नोटिस
आचार संहिता के उल्लंघन पर जिला प्रशासन ने गुरुवार को भाजपा सांसद सतीश गौतम व हाथरस से गठबंधन प्रत्याशी रामजीलाल सुमन के खिलाफ नोटिस जारी किया है। बुधवार को लोधा में गठबंधन प्रत्याशी के बिना अनुमति के नोटों की माला पहनने का मामला सामने आया था। सांसद सतीश गौतम कोल विधानसभा क्षेत्र के गांव पालीरजापुर में आयोजित दंगल में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम के लिए भी अनुमति नहीं ली गई। दोनों से इस पर जवाब मांगा गया है। इन कार्यक्रमों का खर्च भी प्रत्याशियों के खाते में जोड़ा जा रहा है।
अलीगढ़ में नाराजगी से संघ भी है चिंतित
अलीगढ़ में टिकट के बाद से उपजे माहौल को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी चिंतित है। राज पैलेस पर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए आरएसएस भी इस चुनाव को हल्के में नहीं ले रहा है। संघ ने गुरुवार को समन्वयबैठक में बातों ही बातों में अलीगढ़ की स्थिति की जानकारी की। सभी से कहा कि सारे गिले-शिकवे मिटाकर चुनाव जीताने में जुट जाएं। यदि किसी के भी विरोध की जानकारी मिली तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। एक लक्ष्य है कि प्रत्याशी जीतना चाहिए। हालांकि, समन्वय बैठक में पहली बार ऐसा हुआ है कि विविध क्षेत्र के सिर्फ अध्यक्ष बुलाए गए। माना जा रहा है कि लोगों के आक्रोश हो देखते हुए कम लोगों को ही बुलाया गया। हालांकि, संघ की बैठक में कई लोग अनुपस्थित भी रहें, यह भी गंभीर विषय है।
राज पैलेस पर हुआ था प्रदर्शन

सांसद सतीश कुमार गौतम के टिकट के बाद विरोध के स्वर मुखर हो गए थे। राज पैलेस पर तो हुए प्रदर्शन को चुनाव आयोग ने रिपोर्ट भी तलब कर ली है। संघ ने भी वीडियो और समाचार पत्रों के माध्यम से सारी स्थिति देखी। इसके बाद से संघ सख्त हो गया। गुरुवार को मथुरा रोड स्थित सिंघारपुर में समन्वय बैठक बुला ली। बैठक में आरएसएस के आनुषांगिक संगठनों के अध्यक्षों को बुलाया गया था। साथ ही जिले के सभी जनप्रतिनिधि मौजदू थे। क्षेत्र प्रचारक आलोक, प्रांत प्रचारक हरीश ने बैठक को संबोधित किया। सूत्र बताते हैं कि सभी हो सख्त लहजे में बता दिया गया है कि प्रत्याशी हरहाल में जीतना चाहिए। पुरानी बातें, नाराजगी सबकुछ भूला दें। 18 अप्रैल तक दिन-रात एक कर दें। हमें छोटी-मोटी बातों पर राष्ट्रीय हित को नहीं भूलना चाहिए। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी। बैठक में सूबे के शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, सांसद सतीश कुमार गौतम, हाथरस के प्रत्याशी व विधायक राजवीर दिलेर, श्रम एवं निर्माण के अध्यक्ष रघुराज सिंह, जिलाध्यक्ष ठा. गोपाल सिंह, महानगर अध्यक्ष डॉ. विवेक सारस्वत थे। शहर विधायक संजीव राजा, कोल अनिल पाराशर, छर्रा ठा. रवेंद्र पाल सिंह, खैर अनूप वाल्मीकि मौजूद थे।
प्रमुख लोगों को बुलाने पर चर्चा
आरएसएस की समन्वय बैठक में इस बार संगठन के प्रमुख को बुलाए जाने पर चर्चाएं तेज हैं। पहले बैठक में अध्यक्ष, महामंत्री और कुछ प्रमुख लोगो को बुला लिया जाता था। मगर, इस बार सिर्फ अध्यक्ष को बुलाया गया है। बताया जाता है कि बैठक में नाराजगी न उपजे इसलिए चुनिंदा लोगों को बुलाया गया है। वहीं, कई लोग बैठक से नदारद रहें, जबकि आरएसएस की बैठक में कोई प्रमुख कारण न हो तो बैठक में 100 फीसद मौजूदगी रहती है।
विधानसभा क्षेत्र वाइज होगा सम्मेलन
समन्वय बैठक में विधानसभा क्षेत्र के अनुसार सम्मेलन होंगे। जिले की सातों विधानसभा क्षेत्रों में दो अप्रैल तक यह सम्मेलन होने हैं। इसमें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 20 सदस्यों की कार्यकारिणी बनाई गई है। सम्मेलन में एक हजार की संख्या अपेक्षित की गई है। इसकी रिपोर्ट ऊपर भेजी जाएगी। बैठक में कुछ पदाधिकारियों को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। वह चुनाव में संघ और भाजपा के बीच तालमेल बिठाने का कार्य करेंगे।