आश्रम में अनाचार : वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ दुष्कर्म मामले में आरोप पत्र पेश

FARRUKHABAD NEWS

दिल्ली: बलात्कार मामले में फरार चल रहे बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है। सीबीआई ने वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ गुरुवार को अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र में दीक्षित के खिलाफ देश के कई शहरों में अध्यात्म की शिक्षा के नाम पर महिलाओं व लड़कियों के साथ बलात्कार का आरोप लगाया है। ज्ञात हो कि बाबा का मुख्यालय फर्रुखाबाद के कम्पिल में स्थित है|

राउज एवेन्यू अदालत में दाखिल आरोपपत्र में सीबीआई ने कहा है कि आध्यात्मक विश्वविद्यालय के प्रमुख वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ कई पीड़िताएं सामने आई हैं। उन्होंने वीरेंद्र देव के कुकर्मों का काला-चिठ्ठा खोला है। सीबीआई के अनुसार यह आरोपपत्र एक लड़की शिकायत पर दाखिल किया गया है। नाबालिग लड़की ने वर्ष 1999 में उत्तर प्रदेश व दिल्ली के आश्रम में वीरेंद्र देव द्वारा बलात्कार करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोपपत्र में बताया गया है कि अप्रैल में सीबीआई ने दीक्षित पर पांच लाख रुपये का इनाम का ऐलान किया था। पिछले साल 26 मार्च को वीरेन्द्र देव दीक्षित के खिलाफ एक सूचना के आधार पर नेपाल में ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसके बाद 21 फरवरी को उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ था।

आरोप है कि आध्यात्मिक विश्वविद्यालय की आड़ में वीरेंद्र देव दीक्षित अय्याशी के आश्रम चलाता था। उसने कई लड़कियों को जबरन बंधक बनाकर रखा था और वह उनका यौन शोषण करता था।

3 जनवरी 2018 को मामला दर्ज किया था

पेश मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने 3 जनवरी 2018 को दीक्षित के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच में सीबीआई ने पाया कि दीक्षित आश्रम का प्रमुख था और जिस पीड़िता ने शिकायत की थी, वह बलात्कार के वक्त नाबालिग थी। दीक्षित ने उत्तर प्रदेश और फिर दिल्ली के विजय विहार इलाके में जून 1999 में उसके साथ बलात्कार किया था। सीबीआई का कहना था कि वीरेंद्र देव दीक्षित को तलाशने की कोशिश की गई। लेकिन अभी तक वह जांच एजेंसी के हाथ नहीं लगा है।