भर दी झोली वोटरों ने, उम्मीद पर खरे होकर दिखाओ….

फर्रुखाबाद: 2017 के चुनाव में वोटरों ने भाजपा की झोली उम्मीद से ज्यादा ही भर दी है इस उम्मीद के साथ कि जो कहा है कर के दिखाओ| न भ्रष्टाचार न गुंडाराज के होल्डिंग से शुरू हुआ चुनाव जैसे जैसे परवान चढ़ा नरेंद्र मोदी ने वोटरों की उम्मीदे जगा दी| जनता ने ख्वाव देखा कि […]

Continue Reading

राजनीति का खंजर- “केवल चार बचेंगे”

पांच साल तक नेताओ के हाथ में रहने वाला राजनैतिक खंजर एक दिन मतदाताओ के हाथ में रहता है| मतदान के दिन ये खंजर किस किस पर कैसे कैसे चलेगा ये वोटिंग मशीन में ही गुप्त रूप से दर्ज हो जायेगा| बात उत्तर प्रदेश के आम विधानसभा चुनाव 2017 के जनपद फर्रुखाबाद की चार विधानसभाओ […]

Continue Reading

फर्रुखाबाद में 30 फ़ीसदी चंचल मतदाता लगाएगा प्रत्याशियो की नैया पार

विकास का मुद्दा लगभग गायब हो चला है| समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों को मुस्लिम वोटरों की दरकार है| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या ने कह ही दिया है कि उन्हें मुस्लिम मतदाता की जरुरत नहीं है| उत्तर प्रदेश के 19 फ़ीसदी मुस्लिम मतदाताओ के सामने सपा और बसपा कटोरा लिए खड़े […]

Continue Reading

बुधइआ न्यूनतम के लिए तरस रहा? सरकार ने मेट्रो और हाईवे दे दिए

पांच साल तक सत्ता का लुफ्त उठाने वालो को जनता को हिसाब देना ही होगा| हालात कुछ ऐसे ही बन रहे है| मुफ्त लैपटॉप देने या रोजगार के स्थान पर 1 साल बेरोजगारी भत्ता देने भर से बात नहीं बनने वाली| अखिलेश यादव का ‘काम बोलता है” का नारा केवल सुविधा सम्पन्न लोगो को ही […]

Continue Reading

निजी स्कूलों पर विधायक निधि का तड़का- मनोज अग्रवाल ने दिए 3.42 करोड़ तो नरेंद्र ने दिखाया ठेंगा

फर्रुखाबाद: विधानसभा चुनाव 2017 में नेता गली गली विकास का डंका पीट रहे है मगर ये नहीं बता रहे है कि विधायक निधि जो जनता के टैक्स का पैसा है उसे नेताजी ने कैसे खर्च किया| तमाम बंदिशो और कानूनी अड़चनों के बाबजूद विधायको ने विधायक निधि का पैसा निजी स्कूलों पर दिल खोल कर […]

Continue Reading

चुनाव प्रचार से स्थानीय मुद्दे गायब, राष्ट्रीय मुद्दों के सहारे प्रत्याशी

फर्रुखाबाद: लोकतंत्र बड़ा गजब की चीज है और नेता उसमें नायाब नमूना। जनपद में 70 प्रत्याशी मैदान में हैं, मगर कमाल की चीज यह है कि किसी के पास आम जनता से जुड़ा स्थानीय मुद्दा और विकास का कोई खाखा नहीं है। विधायक निधि से सड़कें और नाली बनवाने के अलावा अगर कोई विकास होता […]

Continue Reading

विधानसभा 2017- फर्रुखाबाद की चारो विधानसभा में किस किस की इज्जत दांव पर

फर्रुखाबाद: अब जबकि सपा, बसपा और भाजपा तीनो मुख्य दलो ने अपने अपने प्रत्याशियो की घोषणा कर दी है, सबसे ज्यादा सिटिंग विधायको की इज्जत दांव पर होगी| उन्हें अपनी न केवल गद्दी बचानी है बल्कि ये भी साबित करना है कि वे अपने वादे पर खरे उतरे थे| विपक्षियो को कम से कम पिछले […]

Continue Reading

नोट बंदी असर: गरीब खोमचे वालो की सेल बढ़ी, शोरूम सन्नाटे में

फर्रुखाबाद; प्रधानमंत्री मोदी के 500 और 500 के पुराने नोटों के चलन से बाहर कर देने के बाद गरीबो को फायदा दिखने लगा है| रोज मजदूरी करके कमाने वालो को काम मिल रहा है| पहले भवन निर्माण में कमर तोड़ने वाली मजदूरी मिलती थी इन दिनों काले धन वाले उन्हें नोट बदलवाले के लिए ले […]

Continue Reading

नए डीएम के पहुचने से पहले ही उनकी कार्यप्रणाली का व्हाट्सअप सन्देश फर्रुखाबाद पहुच गया|

मेरे व्हाट्स अप में लगभग पचास ग्रुप है जिनमे से मैंने एक भी नहीं बनाया है| जिले और प्रदेश स्तर के ग्रुप है| अधिकतर पत्रकारों ने बनाये है| लगभग 10 साल क्षेत्रीय और राष्ट्रीय टीवी मीडिया में काम के दौरान प्रदेश भर में मेरा मोबाइल नंबर बटा था इसलिए आस पास के किसी प्रदेश के […]

Continue Reading

केंद्र और राज्य में अलग अलग सरकारों से उत्तर प्रदेश में इ-गवर्नेंस को लग रहा पलीता

फर्रुखाबाद: केंद्र और राज्य सरकार में अपने अपने कामो को प्रचारित करने के चक्कर में उत्तर प्रदेश में इ-गवर्नेंस की ऐसी तैसी हो रही है| इसका खामियाजा उत्तर प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा लोकवाणी/जन सेवा केंद्र संचालकों के साथ साथ जनता भी भुगत रही है| राज्य सरकार द्वारा संचालित इ-डिस्ट्रिक्ट सेवाओं को केंद्रीय CSC […]

Continue Reading

गौरैया दिवस: खो गयी प्यारी चिड़ियाँ की चहचहाहट

फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) कहाँ खो गई हो तुम कि तुम्हें याद करना पड़ता है।अब तो तुम हर दिन मेरे घर दाना खाने और पानी पीने भी नही आती | शायद हम ने हीं तुम्हारे रहने के जगह छीन ली है।वरना तुम तो रोशनदानों और पंखों के ऊपर भी घर बसा लेती थी। तुम्हारी ची-ची, चूँ-चूँ की […]

Continue Reading

नारी मै कोमल हूँ लेकिन कमजोर नही

फर्रुखाबाद:आज की नारी का संसार चुनौती भरा जरुर है पर आज उसमे चुनौतिओ से लड़ने का साहस आ गया है यह तो तय है कि आज की नारी पहले की तुलना में कही ज्यादा आजाद है कुछ आज़ादी इन्हें समाज ने दी तो कुछ उन्हों ने अपनी काबिलियत के बल पर खुद ही हासिल की […]

Continue Reading