तालाबों पर हो गए कब्जे: मोहल्लो का पानी रेल की पटरी व सड़को पर

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फर्रुखाबाद: लेखपालों व प्रशासनिक अधिकारियों से नगर क्षेत्र केअधिकांश तालाबों पर कंकरीट के जंगल उग आये हैं। रहे बचे तालाबों के विषय में लाख शिकायतों के बावजूद प्रशासन कानों में तेल डाले बैठा है। हद तो  यह कि फतेहगढ़-फर्रुखाबाद मुख्य मार्ग पर ओवर ब्रिज के दोनों ओर के दो तालाब भूमाफियाओं की गिरफ्त में धीरे धीरे जा रहे हैं। इनके चलते जरा सा पानी बरसने पर रेलवे ट्रैक व सड़क दोनों पानी-पानी हो जाता है। परंतु क्या करें लगता है कि जिम्मेदार अफसरों की आंख का पानी मर गया है। चंद चांदी के टुकड़ों के लिय कानों में तेल डाले बैठे है। जगाया तो सोने वाले को जा सकता है, परंतु जो सोने का नाटक कर रहा हो उसे कैसे जगाया जाये?

फतेहगढ़ क्षेत्र के मोहल्ला नेकपुर में पटरी के किनारे बने तालाब पर लोगों के अवैध कब्जे हो गए| वही फर्रुखाबाद क्षेत्र के चौरासी गुमटी के पास स्थित पुराना तालाब जहाँ प्रति वर्ष आज भी रक्षा बंधन वाले दिन भारी मेला सिर्फ इस वजह से लगता है कि वह इस क्षेत्र का सबसे हरा भरा तालाब है इसके अलावा अन्य मोहल्लो का पानी पटरी के नीचे से निकलकर तालाब में पहुँच जाता है| जिससे आसपास रहने वाले लोगों को जल भराव कि समस्या से जुझना नही पड़ता था लेकिन उस तालाब पर भी भू माफिओं की नजर पड गयी और देखते ही देखते उसे मिटटी डालकर मैदान में तब्दील कर दिया गया| मेला इस वर्ष भी लगा लेकिन तालाब पर नही तालाब पर बनाये गए मैदान में| वही दूसरी तरफ भारी बारिश की वजह से तालाबो में जाने वाला पानी तालाबों पर भू माफिओं द्वारा कब्ज़ा कर लेने की वजह से पानी को निकलने का रास्ता नही मिलता जिस वजह से मोहल्लो का पानी सड़को पर तथा रेल की पटरी पर बरसात के बाद बहता रहता है|

चौरासी स्थित तालाब पर कब्जे को लेकर तकरीबन एक माह पूर्व एसडीएम भगवानदीन वर्मा को जांच के आदेश जिलाधिकारी एम.के स्वामी ने दिए लेकिन अभी तक उनकी जांच एसडीएम द्वारा की जा रही है| लेकिन अभी तक कोई विशेष नतीजा सामने निकलकर नही आया|

रेल की पटरी का प्रयोग तट बंद के रूप में
भू माफिओं द्वारा नेकपुर व चौरासी में किये गए अवैध कब्जे को देखते हुए सड़क का पानी तालाबों में ना पहुंचे इसके लिए तालाब व सड़क के बीच से गुजरने वाली रेल की पटरी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है| सड़क पर भरने वाला पानी तालाबों में नही पहुँच पाता क्योकि बीच में रेल की पटरी से तट बंद गया है जिसका पूरा फायदा भू माफिओं द्वारा उठाया जा रहा है| भारी बारिश के बाद बचा कूचा तालाब रेल की पटरी पर आ जाता है जिससे तालाब और पटरी एक सामान दिखाई पड़ती है| फिलहाल इन कब्जेदारो पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीख ही पीटी जा रही है|