निजी नर्सिंगहोम व अस्पतालों में अंगूठाटेक कर्मचारी कर रहे मरीजों के जीवन से खिलवाड़

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फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश फार्मासिस्ट एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी सहित, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों एवं नर्सिंग होम्स में रजिस्ट्रेशन के समय मानक के अनुसार प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ जरूर दिखाया जाता है परन्तु कार्य व्यवहार में उपलब्ध नहीं रहता जिससे आये दिन भारी जनहानि होती है।

उन्होंने अवगत कराया कि स्वास्थ्य सेवा की एक प्राथमिक कड़ी के रूप में प्रदेश में लगभग 6 हजार उपकेन्द्र संचालित है जिनका अपना भवन तो है परन्तु कोई प्रशिक्षित फार्मासिस्ट का पद सृजन न होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र की जनता को प्राथमिक चिकित्सा सेवा का लाभ नहीं मिल पाता है। इन केन्द्रों पर उत्तराखण्ड सरकार की भांति फार्मासिस्टों को नियुक्त करके उपकेन्द्रों को आम जनता के लिए उपयोगी बनाकर प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये।

प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन के अन्तर्गत संचालित होने वाली एम्बुलेंस सेवा में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ फार्मासिस्ट को कार्य क्षमता व उनकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए बेरोजगार फार्मासिस्ट को कार्य करने का अवसर प्रदान करनी जाये। जिससे शासन की मंशा के अनुरूप जनता को स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध हो सकें। इस अवसर पर अध्यक्ष डा0 रुचेन्द्र श्रीवास्तव के अलावा भारी संख्या में बेरोजगार फार्मासिस्ट मौजूद रहे।