ग्रामीण स्वच्छता सहित कई अन्य कार्य भी अब मनरेगा के हवाले करने की योजना

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ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कार्यो को और विस्तृत किया गया है। कई ऐसे नए काम शामिल हैं जिनसे पेयजल, कूड़ा-करकट प्रबंधन, स्वच्छता, खेती किसानी एवं पशुपालन में मदद मिलेगी। संबंधित विभागों से 30 अगस्त तक कार्य योजना बनाकर प्रेषित करने को कहा गया है।

मनरेगा में जो नए कई कार्य शामिल किए गए हैं वह कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं पंचायती राज विभाग से संबंधित हैं। जिनमें कृषि में ग्रामीण एनईडीईपी, वर्मी कंपोस्टिंग, लिक्विड बायो मेन्योर, पशुपालन में मुर्गी व बकरी आश्रय स्थल, यूरिन टैंक का निर्माण, अजोला जैसे पशु आहार व पशुधन संबंधी अन्य कार्यो को कर सकेंगे। जबकि पंचायती राज विभाग मनरेगा से स्वच्छता व कूड़ा करकट प्रबंधन जैसे कार्यो को कराएगा। पेयजल व व्यक्तिगत शौचालयों के अलावा विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों के शौचालय के निर्माण में योजना से मदद दी जाएगी। नए कार्यो के संबंध में आयुक्त ग्राम विकास विभाग उप्र शासन द्वारा संबंधित कार्यो की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में परियोजना निदेशक द्वारा संबंधित विभागों से संबंधित विभागों से 30 अगस्त तक कार्य योजना उपलब्ध कराने को कहा गया है।

‘कृषि पशुपालन, मत्स्य पालन व पंचायती राज विभाग के कई नए कार्य शासन द्वारा मनरेगा में शामिल किए गए हैं और इनकी कार्य योजना भी मांगी गई है। संबंधित विभागीय अधिकारियों को 30 अगस्त तक कार्य योजना प्रस्तुत करने के लिए पत्र भेजा जा चुका है।’

अजितेंद्र नारायन मिश्र, परियोजना निदेशक

मनरेगा में जुड़े नए कार्य

– एनएडीईपी, वर्मी कंपोस्टिंग, लिक्विड बायो मेन्योर।

– कुक्कुट, बकरी आश्रय स्थल, पक्का फर्श, यूरिन टैंक का निर्माण, अजोला पशु भोजन।

– सार्वजनिक भूमि पर मौसमी जल निकायों में मत्स्य पालन।

– तटीय क्षेत्रों में मछली शुष्कन यार्ड, बेल्ड वेजिटेशन।

– सोक पिट्स, रिचार्ज पिट्स, ग्रामीण पेयजल संबंधी कार्य।

– व्यक्तिगत, विद्यालय, आंगनबाड़ी शौचालय, ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन व ग्रामीण स्वच्छता।