फर्रुखाबाद: केन्द्र सरकार द्वारा भारत साक्षर मिशन 2012 के अन्तर्गत विगत फरवरी माह में प्रेरकों के चयन हेतु आवेदन पत्र मांगे गये थे। अभी तक न तो प्रेरकों का चयन पूर्ण रूप से हो पाया है और न ही लोक शिक्षा समितियों का पूरे जनपद में गठन हो पाया है। परन्तु इससे पहले बिना कार्यक्रम संचालित हुए तथा बिना निरक्षरों की गणना किये उन्हें फर्जी तरीके से साक्षर बनाने की जुगत तैयार कर ली गयी है। इस सन्दर्भ में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देशन में जनपद की समस्त ग्राम सभाओं के एक प्राथमिक विद्यालय का चयन कर रविवार को प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक 30-30 निरक्षरों की परीक्षा लेकर उन्हें साक्षर बनने का प्रमाणपत्र उपलब्ध करा दिया जायेगा। जबकि वास्तविकता में यह निरक्षर अपने आप में निरक्षर ही बने रहेंगे।
जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता सुनील आर्या जो इस कार्य को जिला स्तर पर शिक्षकों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के बीच समन्वय बनाने का कार्य कर रहे हैं। उनसे जब इस सम्बंध में पूछे जाने पर बताया कि 15 से 35 वर्ष तक के महिला पुरुष जो शिक्षा से बीच में वंचित रह गये हैं उनकी परीक्षा होगी। प्रेरकों का चयन अभी पूर्ण नहीं हुआ है उसके लिए कार्यवाही चल रही है।