केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ नफरत भरे संदेश फैलाने वाली 275 वेबसाइटों की पहचान की है। इनमें 125 वेबसाइटें ब्लॉक की जा चुकी हैं, बाकी कुछ घंटों के भीतर ब्लॉक कर दी जाएंगी। इनमें अधिकतर पाकिस्तान की वेबसाइट हैं। इन वेबसाइटों में आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा कुछ और साइटों को बंद करने पर सरकार विचार कर रही है।
केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने बताया कि विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक से ऐसे संदेश फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। उत्तर पूर्व के लोगों के खिलाफ नफरत भरे संदेश भेजे जाने के मामले में भारत, पाकिस्तान को जल्द ही सबूत पेश करेगा। सरकार का मानना है कि पाकिस्तान के सोशल मीडिया नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए ये संदेश भारत में सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने के लिए भेजे जा रहे हैं। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी इस मसले पर मलिक से बात की थी।
बेंगलुरु से असम के लोगों को लेकर गुवाहाटी जा रही बेंगलुरू-गुवाहाटी ट्रेन से शनिवार रात कुछ लोगों को चलती ट्रेन से फेंक दिया गया। इससे चार लोगों की मौत हो गई और सात घायल हुए हैं। घटना उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे (एनईएफ) के बेलाकोबा और रानीनगर स्टेशनों के बीच हुई। रेलवे ने घटना में मारे गए दोनों यात्रियों के परिजनों को 15-15 हजार रुपए की सहायता राशि और घायलों को 500 रुपए देने की घोषणा की है।
एनईएफ प्रवक्ता एस हाजोंग ने कहा कि ट्रेन के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से निकलने के थोड़ी देर बाद कुछ लोगों को चलती ट्रेन से नीचे फेंका गया। एक पीडि़त की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। दूसरे ने सिलीगुड़ी स्थित अस्पताल में दम तोड़ दिया। एक पीडि़त की पहचान कर ली गई है। घायलों को नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रेफर किया गया है।
अस्पताल में भर्ती घायलों ने कहा कि पहले ट्रेन में लूटपाट हुई फिर उनके साथ मारपीट। इसके बाद उन्हें ट्रेन से नीचे फेंक दिया गया। हमले के कारणों का अभी पता नहीं लग सका है। रेलगाड़ी में असम के लोग बड़ी संख्या में सवार थे। वे अपने ऊपर हमले की अफवाहों के बाद बेंगलुरु से लौट रहे थे।
असम के बाद मुंबई सहित देश के दूसरे हिस्सों में भड़की हिंसा के पीछे किसके हाथ हैं, खुफिया एजेंसियां काफी हद तक इसकी तह में पहुंच गई हैं। खुफिया विभाग को इस मामले में धुबरी (असम) से ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के सांसद बदरुद्दीन अजमल पर शक है। इसके चलते उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। एजेंसियां बोडो आंदोलनकारियों के साथ ही हिंदू कट्टरपंथी ताकतों की गतिविधियों पर भी निगाह रख रही हैं। ‘भास्कर’ को मिली जानकारी के मुताबिक, बदरुद्दीन की मुंबई के कुछ लोगों के साथ बातचीत के सुबूत भी विभाग के हाथ लगे हैं। एजेंसियों ने 8 से 10 अगस्त के बीच असम से ताल्लुक रखने वाली एक सियासी पार्टी के लोगों की ओर से मुंबई में की गई बातचीत को ट्रेस किया है। इस बातचीत ने ही मुंबई के आजाद मैदान में हिंसा की आग को भड़काने का काम किया। ऐसे फोन कॉल्स 12 से 14 अगस्त के बीच उत्तर प्रदेश के कई स्थानों से भी ट्रेस हुए हैं। ऐसे आपत्तिजनक पर्चे भी मिले हैं जिनमें असम का जिक्र है। असम में मौजूद खुफिया विभाग की टीमों की मानें तो ईद के बाद हिंसा की ऐसी घटनाएं देश के दूसरे राज्यों में भी फैलने की आशंका है। इसके मद्देनजर बदरुद्दीन के गांव होजई के अलावा नौगांव, चिरांग और धुबरी पर खास निगाह रखी जा रही है। केंद्र सरकार की चिंता यह है कि ईद के बाद कहीं देश के अन्य हिस्सों में भी हिंसा न फैल जाए। इसलिए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर सतर्क रहने को कहा है।