फर्रुखाबाद: बीते एक वर्ष पूर्व केन्द्रीय कारागार परिसर में जन्माष्ठमी वाले दिन मुलाकात करने आयी दलित महिला के साथ बंदी रक्षकों व डिप्टी जेलरों के द्वारा बलात्कार किये जाने की घटना आज भी कारागार विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के दिलों में ताजा है। जिसको संज्ञान में रखते हुए केन्द्रीय कारागार के प्रमुख द्वार के आस पास सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। किसी महिला को मुलाकात घर इत्यादि में रुकने की भी इजाजत नहीं दी गयी।
मिली जानकारी के मुताबिक केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ में बीते एक वर्ष पूर्व जन्माष्ठमी के दिन जेल में सजायाफ्ता कैदी राजबीर की पत्नी के साथ दुष्कर्म के मामले में केन्द्र तक को हिला दिया था। जिसमें कई बंदी रक्षक व डिप्टी जेलर चपेट में आ गये थे। वहीं एक बंदी रक्षक तो जेल भी चला गया था। कारागार विभाग ने पूर्व में हुई घटना को संज्ञान में रखते हुए रात में जेल के आस पास बने परिसर में कई होमगार्डों को तैनात कर दिया और जिस जगह पर महिला के साथ दुष्कर्म हुआ था वहां भी देर रात तक होमगार्डों की निगरानी बनी रही। किसी भी महिला को जेल परिसर के आस पास रुकने नहीं दिया गया।
विदित हो कि जन्माष्ठमी के दिन जेल में बंद कैदी राजबीर की पत्नी को रात में ही राजवीर से मुलाकात कराने का झांसा देकर बंदी रक्षकों ने महिला के साथ जबर्दस्ती शारीरिक सम्बंध बनाये थे। जिसमें दो डिप्टी जेलर को भी आरोपित किया गया था। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ओपी सागर ने मौके पर पहुंचकर आरोपी बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया था। जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर विनोद कुमार को दी गयी थी। जिसके बाद तो दलित महिला से बलात्कार का मामला तूल पकड़ता गया तो अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के सदस्य के के सेठ ने भी दिल्ली से आकर मामले की जांच पड़ताल की थी।
दुष्कर्म के आरोप में एक सिपाही को जेल भेज दिया गया और अन्य अभी निलंबित चल रहे हैं। दो डिप्टी जेलरों के स्थानांतरण तत्काल कर दिये गये थे। इस बाकया को गुजरे अभी एक वर्ष हुआ है। दोबारा ऐसी घटना न हो क्योंकि जन्माष्ठमी को जेल में सजने वाली मनमोहक झांकी देखने के लिए दूर दराज से लोग भी आते हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ जेल अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला ने जेल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करा दी और आस पास के खण्डहरों की तलाशी भी ली।