नरौरा से छोड़ा गया 46717 क्यूसेक पानी, हालात बिगड़ने की सम्भावना

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फर्रुखाबाद: कार्यालय संवाददाता: नरौरा बांध से मंगलवार रात 46717 क्यूसेक पानी और छोड़ने से गंगा किनारे बसे गांवों में हालात बिगड़ने की आशंका है। हालांकि बढ़े जलस्तर का असर गंगा में अभी दिखायी नहीं दे रहा है, लेकिन दो दिन बाद पानी पहुंचने पर गंगा के आस-पास के गांवों में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है।

नरौरा बांध से पिछले करीब एक सप्ताह से गंगा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इससे गंगा किनारे जमीन में कटाव तेज हो गया है। हालांकि बुधवार को गंगा का जलस्तर 135.50 सेमी पर स्थिर रहा। जानकार लोगों का मानना है कि नरौरा बांध से छोड़ा गया पानी दो दिन बाद पहुंचने पर गंगा का जलस्तर फिर बढ़ेगा। इससे एक दिन पूर्व सोमवार को 43156 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।

जलस्तर स्थिर रहने से गंगा किनारे के गांवों में पानी अभी घुसा नहीं है, लेकिन कटाव तेजी से हो रहा है। रामप्रसाद नगला और माखन नगला गांव के ग्रामीणों ने जमीन का कटाव होने की पुष्टि की है।
उधर भोजपुर में गंगा का जलस्तर फिलहाल स्थिर है, लेकिन पानी गांव में घुसने की आशंका से कई गांवों में ग्रामीणों ने सुरक्षित ठिकानों की तलाश शुरू कर दी है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता हरीशंकर आर्या ने बताया कि नरौरा बांध से गंगा में जितना पानी छोड़ा जाता है, उससे अभी बाढ़ आने का खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद बाढ़ से निपटने की तैयारियां पूरी हैं। बाढ़ग्रस्त गांवों में धारा को मोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है।