गंगा के कटान से जूझ रहे ग्रामीण, प्रशासन बेखबर

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कमालगंज (फर्रुखाबाद): विकासखण्ड कमालगंज क्षेत्र के ग्राम भोजपुर के ग्रामीण गंगा की कटान से जूझ रहे हैं लेकिन प्रशासन इस बात से बिलकुल बेखबर बना हुआ है। वहीं गंगा के कटान से परेशान भोजपुर के एक ग्रामीण ने तो गंगा में कूदकर जान देने का प्रयास किया लेकिन गांव के अन्य लोगों ने जैसे तैसे उसे बचा लिया।

जानकारी के अनुसार इस समय गंगा के जल स्तर में लगातार हो रही वृद्वि से भोजपुर गांव में लगातार कटान जारी है। ग्रामीण अपने अपने घरों को छोड़कर गांव के ही स्कूल में डेरा डाले हुए हैं। गंगा के कटान में रामशरन, अबधेश, राजबीर, जयचन्द्र, होरीलाल, रामपाल, वीरेन्द्र आदि के घर बह चुके हैं। जो इस समय बिलकुल बेघर हैं।

भोजपुर निवासी उर्मिला पत्नी होरीलाल, सुमन पत्नी जयचंद का कहना है कि जब पहली बार गंगा का कटान हुआ था तो एसडीएम सदर ने हम लोगों को प्राथमिक विद्यालय भोजपुर में रहने के लिए व्यवस्था करायी थी। जिसमें ये लोग परिवार सहित पशुओं को लेकर रह रहे थे। शनिवार को सहायक अध्यापक ऊषा मिश्रा ने कहा कि विद्यालय खाली करके यहां से चले जाओ। बच्चों को बैठने की जगह नहीं है।

जिस पर गांव के ही एक युवक राजदीप ने गंगा जी में कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने बाद में किसी तरीके से बाहर निकाल लिया। विदित हो कि बीते दिनों एसडीएम सदर ने आदेश दिये थे कि पीड़ितों को ग्राम समाज की भूमि का पट्टा किया जाये। लेकिन आज तक लेखपाल कानून गो व प्रधान ने न तो पट्टे कराये न ही इनको कोई अन्य सहायता दी।
वहीं एसडीएम सदर ने बताया कि उन्हें रिपोर्ट मिली है कि इन लोगों के अन्य पक्के मकान खड़े हैं इसलिए पट्टे नहीं दिये गये। सूत्रों के मुताबिक आज हुए गंगा के कटान को प्रशासन का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी देखने के लिए नहीं पहुंचा। जिससे ग्रामीण जिंदगी मौत से खुले आसमान में जूझ रहे हैं।

अब देखने वाली बात यह है कि जहां प्रशासन गंगा कटान व बाढ़ से बचाव के लिए लाखों करोड़ों के बजट प्रस्ताव पास कर रहा हैं वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण बाढ़ व गंगा के कटान से जूझ रहे हैं। अब प्रशासन किन व्यक्तियों को यह सहायता राशि देने वाला है यह तो उनके अधिकारियों के विवेक पर ही निर्भर करेगा।