फर्रुखाबाद: कोतवाली कायमगंज क्षेत्र के ग्राम मीरपुर में पिता की जमीन में हिस्सा न मिलने से दो भाइयों ने अपने परिवार सहित तहसील गेट पर आत्मदाह करने की नियत से मिट्टी का तेल डाल लिया। यह देख वहां मौजूद कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गये। आत्मदाह करने की सूचना तत्काल तहसीलदार को दी गयी। तहसीलदार रामजी लाल ने मौके पर पहुंचकर काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वह अपनी मांगों पर अड़े देख सभी को परिवार सहित पुलिस से कहकर तहसीलदार ने चौकी भिजवा दिया।
जानकारी के अनुसार ग्राम मीरपुर निवासी चन्द्रप्रकाश चतुर्वेदी की दो शादियां हुईं थीं। पहली पत्नी से विनोद, इन्द्रबाबू और देवेन्द्र तीन पुत्र थे तथा दूसरी पत्नी से आमोद व प्रमोद दो पुत्र हैं। दोनो पत्नियों के पुत्रों में बीते कई वर्षों से जमीन बंटवारे को लेकर विवाद चला आ रहा है। विनोद, इन्द्रबाबू व देवेन्द्र पिता के नाम की पूरी जमीन कब्जाये हैं जबकि आमोद व प्रमोद पिता की जमीन में आधा हिस्सा मांग रहे हैं। इसी बात को लेकर दोनो पक्षों का न्यायालय में मुकदमा चल रहा था।
लखनऊ न्यायालय से बीते दिनों आमोद व प्रमोद अपने पक्ष में निर्णय का आदेश भी ले आये। जिस पर उन्होंने अपनी जमीन पर कब्जा करना चाहता लेकिन कब्जा नहीं मिला। तब तक विनोद, इन्द्रबाबू व देवेन्द्र एसडीएम कायमगंज से स्टे आर्डर ले आये और आमोद व प्रमोद दोबारा कब्जा पाने से वंचित हो गये। लाख प्रयास के बाद भी पिता की जमीन में हिस्सा न मिलता देख आमोद व प्रमोद ने परिवार सहित आत्मदाह कर लेने की योजना बना डाली।
योजनाबद्ध तरीके से आमोद, प्रमोद, आमोद की पत्नी सुमन व अन्य परिजनों के साथ तहसील कायमगंज आये और गेट के सामने बैठकर पूरे परिवार के ऊपर आत्मदाह करने की नियत से मिट्टी का तेल छिड़क दिया। जिसे देख वहां मौजूद कर्मचारियों को हाथ पांव फूल गये। आनन फानन में एक परिवार को तहसील गेट पर आत्मदाह करने की सूचना तहसीलदार राम जी को दी गयी। तहसीलदार राम जी ने मौके पर पहुंचकर आमोद व प्रमोद को लाख समझाने का प्रयास किया लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे। बाद में तहसीलदार के कहने पर चौकी पुलिस ने जबरन आमोद प्रमोद व उनके परिजनों को उठाकर चौकी ले गये।
आमोद की पत्नी सुमन ने बताया कि मुकदमा जीतने के बाद उसके पति ने पिता की जमीन पर कब्जा पाने के लिए पहले तो इन्द्रबाबू, विनोद व देवेन्द्र को एक लाख रुपया दिया। इसके बाद भी इन लोगों ने जमीन पर कब्जा नहीं करने दिया। इसके बाद इन लोगों को एसडीएम कायमगंज ने 21 जुलाई को जमीन पर स्टे दे दिया। जिससे कब्जा पाने की आस बिलकुल ही टूट गयी। इसके बाद आत्मदाह करने के शिवा दूसरा कोई चारा उनके परिवार के पास नहीं बचा।