कमालगंज (फर्रुखाबाद): स्वास्थ्य विभाग की वैसे भी पूरे प्रदेश में छीछा लेदर बनी हुई हैं वहीं कमालगंज सामुदायिक स्वास्थ्यकेन्द्र में बीते दिन ही मैनपुरी से तबादले पर आयी नर्स आशा मिश्रा ने अस्पताल के अंदर बिजली न होने से दो महिलाओं के प्रसव अस्पताल गेट के बाहर ही खुले में करवा दिये। इतना ही नहीं नर्स ने दोनो महिलाओं से 500-500 रुपये भी दक्षिणा स्वरूप लेकर सुबह 7 बजे ही दोनो की छुट्टी भी कर दी।
जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्यकेन्द्र कमालगंज में प्रसव पीड़ित महराज बेगम पत्नी मजीद खां निवासी ग्राम गुलरिया को रात 8ः20 बजे भर्ती कराया गया। जिनका अस्पताल में बिजली न होने की बजह से नर्स आशा मिश्रा ने साढ़े तीन बजे अस्पताल के बाहर फर्श पर ही प्रसव करा दिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल के अंदर गर्मी अधिक है। बाहर ही अच्छा रहेगा। वहीं दूसरी प्रसव पीड़ित महिला श्रीदेवी पत्नी मुन्नालाल निवासी भोला नगला को रात्रि एक बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसको सुबह पांच बजे अस्पताल के अंदर कमरे में गर्मी अधिक होने से प्रसव बाहर गेट पर ही करवा दिया गया।
महराज बेगम के पति मजीद खां ने नर्स आशा मिश्रा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 500 रुपये रिश्वत लेने के बाद ही बच्चे को दिया। इतना ही नहीं दोनो महिलाओं की सुबह 7 बजे 500-500 रुपये लेकर नर्स ने छुट्टी भी कर दी।
विदित हो कि 24 घंटे से पहले प्रसव होने के बाद महिला की छुट्टी नहीं होनी चाहिए। लेकिन आशा मिश्रा ने स्वास्थ्य व प्रसव कराने की पूरा विज्ञान ही बदल दिया। उन्होंने प्रसव कक्ष के बजाय अस्पताल गेट के बाहर कीड़े मकोड़े व धूल मिट्टी में ही प्रसव कराना ज्यादा उचित समझा। वाह रे भारत का स्वास्थ्य विभाग। सही कहते हैं विदेशी कि इण्डिया में तो सब कुछ जुगाड़ से चलता है। यहां बच्चे भी जुगाड़ से पैदा करा दिये जाते हैं।
जानकारी के अनुसार नर्स आशा मिश्रा बीते दि नही मैनपुरी से तबादले पर आयीं हैं। अस्पताल फार्मासिस्ट पी सी वर्मा, बार्ड व्याय वीरेन्द्र यादव ने बाहर प्रसव कराये जाने का विरोध भी किया था लेकिन नर्स ने कहा कि सबकुछ निबटने में वह सक्षम हैं। कुछ नहीं होगा।