फर्रुखाबाद: पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी द्वारा गठित की गयी एसओजी टीम ने सोमवार को चार शातिर असलाह व्यापारियों को दबोच लिया। लेकिन गुप्त सूचना के अनुसार एसओजी टीम ने घटियाघाट से उठाये गये एक झोलाछाप डाक्टर को तमंचा सहित पकड़ने के बाद भी दूसरे दिन छोड़ दिया।
पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को पुलिस लाइन सभागार में यह माना कि फतेहगढ़ क्षेत्र असलाह माफियाओं की शरण स्थली बन गया था। जहां अवैध रूप से असलहों की खरीद फरोख्त की जाती थी। जिसकी सूचना पुलिस अधीक्षक को होने के बाद उन्होंने एसओजी टीम को निर्देशित कर असलाह माफियाओं के पीछे लगा दिया।
एसओजी प्रभारी एनएल सिंह के नेतृत्व में एस ओ जी टीम ने सोमवार को खानपुर मोड़ के पास मंदिर के निकट अवैध असलाह खरीद फरोख्त की जानी थी। जिसकी सूचना पर एसओजी ने दबिश देकर पांच माउजर/पिस्टल देशी विदेशी 32 बोर व तीन 315 बोर के अवैध तमंचे, 32 बोर के दो कारतूस, चार नफर अवैध असलाह सहित गैंग को दोपहर बाद गिरफ्तार कर लिया। जिसमें शेर सिंह उर्फ शेरा राजपूत पुत्र रामस्वरूप राजपूत निवासी नगला लीलाधर थाना जैथरा जनपद एटा, रवीन्द्र राजपूत पुत्र चन्द्रपाल राजपूत निवासी नगला लीलाधर थाना जैथरा, अमित कुमार पाण्डेय पुत्र विष्णुकुमार पाण्डेय निवासी हरिहरपुर थाना राजेपुर, अजयपाल पुत्र विश्राम सिंह निवासी रतनपुर थाना जहानगंज, हाल निवासी बाग लकूला कादरीगेट को गिरफ्तार कर लिया।
माउजर बिहार राज्य से 20 हजार से 25 हजार रुपये में लाकर यहां 40 हजार तक में बेची जाती थी। तमंचे एटा से लाकर फर्रुखाबाद में कारोबार किया जा रहा था। पूरे गैंग को धारा 5/6/7/25 आर्म्स एक्ट के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते 6 जुलाई की रात एसओजी टीम ने घटियाघाट से आवास विकास निवासी एक झोलाछाप डाक्टर, घटियाघाट पुलिस चौकी के निकट रह रहे परचून दुकानदार, अमेठी कोहना निवासी सर्राफा दुकानदार को अवैध माउजर सहित गिरफ्तार किया था। लेकिन उनसे प्राप्त किये गये असलाह आखिर कहां गये और उक्त तीनों को एसओजी ने असलहे बरामद होने के बाद भी क्यों छोड़ दिया। इस बात पर एसओजी अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं।