समर्थन पर अनुपम दुबे की बैठक बेनतीजा- 22 तक वेट एंड वाच

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फर्रुखाबाद: नगरपालिका की कुर्सी की लड़ाई में एक धुरी अनुपम ने अपनी और खीची| हाल ही में विधानसभा चुनाव में 15 हजार वोट पाने वाले अनुपम दुबे पालिका चुनाव में अब तक खामोश थे| चुनाव से पहली ही उन्होंने JNI से कहा था कि अगर मेजर सुनील चुनाव लड़े तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे| उनके मुताबिक एक ब्राहमण को ही चुनाव में होना चाहिए| मेजर ने आखिरी वक़्त में अपनी दावेदारी वापस कर सबको चौकाया तब तक देर हो चुकी थी और अनुपम दुबे चुनाव में नहीं कूदे| मगर अनुपम दुबे ने JNI से ये भी कहा था कि वे आखिरी वक़्त में फैसला करेंगे कि किसका समर्थन करना है|

पंचो में वत्सला के प्रस्तावक सूरज मिश्रा भी शामिल-
मंगलवार को बढ़पुर स्थित अनुपम के चुनाव कार्यालय में देर शाम एक बैठक बुलाई गयी| इस बैठक में अच्छी खासी भीड़ थी| छत पर हुई बैठक बेनतीजा रही| समर्थको के बीच कई दौर की वार्ता और सुझावों का आदान प्रदान हुआ| वत्सला अग्रवाल के प्रस्तावक सूरज मिश्र बैठक में पहुचे| बैठक में इस बात की चर्चा लोगो ने की कि जब सूरज मिश्र किसी प्रत्याशी के प्रस्तावक है तो इस मीटिंग में उन्हें क्यूँ बुलाया गया? इतना ही नहीं उन्हें फैसला करने वाली समिति का पंच समिति का सदस्य बनाने पर भी एक राय नहीं दिखी| हालाँकि इस बात का कोई खुल कर विरोध नहीं कर सका|

सलमा के नाम पर सहमती नहीं बनी|
दो दिन पहले अहमद के साथ की चर्चा वाले ठेकेदार कमलेश पाठक भी बैठक में थे| अनुपम सहित मौजूद सभी लोग जिसमे अधिकांश संख्या में ब्राहमण थे इस बात इस बात पर डटे दिखाई दिए कि हर हाल में दयमन्ती सिंह को हराना है| इसके लिए किसे वोट इस बात पर फैसला करने के लिए अनुपम ने तत्काल एक 5 सदस्यीय समिति बनायीं जिसमे वत्सला अग्रवाल के प्रस्तावक सूरज मिश्र, हरिशरण त्रिवेदी, कज्जू त्रिवेदी, जे एन वी रोड निवासी पी डब्लू दी के ठेकेदार आशुतोष त्रिपाठी सदस्य बने| पांचो ने अलग हट के एक साथ मंत्रणा की| पंचो ने राय में सलमा बेगम, मनोज अग्रवाल और संजीव पारिया के नामो पर समर्थन की चर्चा की| पांच में से दो पंच सलमा बेगम के नाम पर सहमत हुए तो मौजूद ब्राह्मणों ने जमकर विरोध कर दिया| तो सलमा का नाम ख़ारिज हो गया| इस बीच पारिया और मनोज के चर्चा शुरू हुई| कई ब्राह्मणों ने भाजपा प्रत्याशी माला पारिया को जिताने के लिए नाम लिया| चर्चा हुई कि अगर अभी से लग जाओ तो पारिया को जिताया जा सकता है| फिर बात विजय सिंह को हारने की मुख्य रूप से उठी|

यानि चर्चा परिया मनोज को जिताने की नहीं विजय को हारने के नाम पर ज्यादा खिची| फिर पंचो ने फैसला किया गया कि 22 तारीख तक इन्तजार किया जाए| 22 को दुबारा बैठक करेंगे और फैसला लेंगे कि किसे वोट दिया जाए| अनुपम दुबे ने देर रात JNI को बताया कि वे सबकी सहमती से फैसला करेंगे|